हैदराबाद के रहने वाले कुरान टीचर ने सऊदी से लौटने के बाद भारतीय दूतावास के साथ ही विदेश मंत्री का शुक्रिया अदा किया है। हैदराबाद के रहने वाले हाफिज मोहम्मद बहाउद्दीन ने कहा कि एजेंट ने मुझे सुदूर क्षेत्र में भेज दिया था।
मुझसे वहां क्लीनर का काम कराया जाता था। मैं बीमार हो गया था लेकिन मेरे मालिक ने मुझे अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया। भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने मुझे बचाया। इन लोगों ने मेरा हैदराबाद का टिकट जारी कराया। मैं इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भारतीय दूतावास के लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।
हाफिज ने कहा, ‘मैं हैदराबाद में कुरान टीचर के रूप में काम करता था। एक एजेंट ने सऊदी अरब की अल बहाह मस्जिद में काम करने का ऑफर दिया। उसने कहा कि इसके लिए मुझे 95 हजार रुपये मिलेंगे। मैंने यह ऑफर स्वीकार कर लिया।’ हाफिज ने कहा कि मुझे 21 मार्च को सऊदी के अल-बहाह शहर भेज दिया गया।
सऊदी में पहुंचने के बाद मुझे सुदूर क्षेत्र में भेज दिया गया। वहां मुझसे क्लीनर का काम कराया जाने लगा। मेरा मालिक सुबह से लेकर रात तक मुझसे अपने ऑफिस में काम कराता था। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों तक काम करने के बाद मेरी तबीयत खराब हो गई लेकिन मेरे मालिक ने मुझे अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया।
Hyderabad resident Hafez Mohammed Bahauddin thanks EAM Sushma Swaraj for rescuing him from Saudi Arabia & sending him back to India; says, “I used to work as a Quran teacher in Hyderabad when an agent offered me a job at a mosque in Saudi Arabia’s Al Bahah. I payed him Rs 95,000” pic.twitter.com/JXoI8QDrZZ
— ANI (@ANI) May 3, 2019
पत्नी ने विदेश मंत्री को लिखा था पत्रः हाफिज ने बताया कि उसने अपनी पत्नी को सऊदी में अपनी स्थिति के बारे में पत्नी को बताया। इसके बाद उसकी पत्नी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर शिकायत की थी। पत्नी ने भारतीय दूतावास से मुझे वहां से छुड़ाने की अपील की। पत्नी ने मेरी बीमार होने और मेरे संघर्ष की बात को भी बताया। भारत लौटने के बाद हाफिज अपने परिवार के साथ फिर से मिलकर काफी खुश है।