MP News: विज्ञापनों में दिखाया जाने वाला स्लोगन ‘एमपी अजब है!’ दमोह जिले में एकदम चरितार्थ होते हुए दिखाई दिया। दरअसल मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक महिला सरपंच के चुने जाने के बाद सरपंच पद की शपथ उस महिला की जगह उसके पति ने ले ली। इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने रिपोर्ट मांगी है। ये मामला दमोह जिले के गैसाबाद पंचायत का है। गैसाबाद में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद अनुसूचित जाति की एक महिला सरपंच ने चुनाव जीता उसके अलावा कुछ अन्य महिला भी सरपंच चुनी गईं।
ये शपथ ग्रहण समारोह तब विवादित हो गया जब ये खबर चारो ओर फैल गई कि शपथ ग्रहण के दौरान महिला सरपंचों के पतियों ने उनकी जगह शपथ ली है। निर्वाचित सरपंच एवं अन्य महिलाओं को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जानी थी, जिसके लिए ग्राम पंचायत में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था
हालांकि, जो कुछ दावों के मुताबिक ऐसा भी बताया जा रहा है कि संबंधित अधिकारी ने निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के स्थान पर पतियों को उपस्थित होने की अनुमति दी थी। जब इन आरोपों को बल मिला तो जिला प्रशासन ने सच्चाई का पता लगाने और उचित कार्रवाई करने का फैसला किया।
आरोप सही साबित हुए तो दंडित होंगे पंचायत सचिव
दमोह पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय श्रीवास्तव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बताया कि यह घटना नियमों के खिलाफ मालूम होती है और मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमें सूचना मिली थी कि कुछ पुरुषों ने अपनी चुनी हुई सरपंच पत्नियों के बजाय उनकी जगह पर खुद ही शपथ ली है। हमने इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट का आदेश दिया है अगर ये आरोप सही है तो पंचायत सचिव को दंडित किया जाएगा।”
Rewa में भी ऐसा ही मामला, पंचायत सचिव निलंबित
वहीं मध्य प्रदेश के रीवा जिले में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। रीवा जिले के गंगेव पंचायत क्षेत्र में पंचायत सचिव ने एक बड़ी लापरवाही बरतते हुए चुनी गई महिला उपसरपंच की जगह पर उसके पति को पद की शपथ दिला दी। इसके बाद जब ये मामला कलेक्टर तक पहुंचा तो मामले में कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पंचायत सचिव को सस्पेंड कर दिया गया।