बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसकेएमसीएच) के पीछे बड़ी संख्या में मानव कंकाल पाए गए हैं। यह वही अस्पताल है जहां पर चमकी बुखार (इन्सेफेलाइटिस) से सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने मानव कंकालों की तस्वीरें भी साझा की है। मालमे के सामने आते ही मुजफ्फरपुर जिले के डीएम आलोक रंजन घोष ने जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही डीएम ने संबंधित विभागों और प्रशासन से इसपर रिपोर्ट भी मांगी है।
अस्पताल में चमकी बुखार से अबतक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है। मामले पर एसकेएमसीएच के मेडिकल सुररिटेनडेंट एसके शाही ने बताया ‘मानवीय संवेदनाओं को ध्यान रखना चाहिए। पोस्टमॉर्टम विभाग प्रिंसिपल के अधिकार क्षेत्र में है। मैं इस संबंध में प्रिंसिपल से बात करूंगा और जांच के लिए कमेटी बनाने के लिए कहूंगा।’
वहीं एसकेएमसीएच के एक जांच दल ने उन जगहों का दौरा किया जहां पर मानव कंकाल पाए गए हैं। पुलिस की एक टीम ने भी अस्पताल का दौरा किया। जहां-जहां मानव कंकाल पाए गए वहां गहन जांच की गई। नीरीक्षण करने के बाद अहियापुर के एसएचओ सोना प्रसाद सिंह ने बताया कि जांच के बाद पता चला है कि लावारिस शवों को यहां जलाया जाता है।
चमकी बुखार की वजह से बच्चों की मौतों पर अस्पताल पहले ही आलोचनाओं का सामना कर रहा है लेकिन अब मानव कंकाल मिलने से अस्पताल प्रशासन एकबार फिर सवालों के घेरे में है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से कम से कम 128 बच्चों की मौत हुई है। हीं पूरे बिहार में कुल 140 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं राज्य और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बचता नजर आ रहा है।