हरियाणा की खट्टर सरकार में शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे राम बिलास शर्मा एक बार अपने बयान के चलते सुर्खियां बटोर रहे हैं। शर्मा ने दावा किया है कि सालों तक मेडिकल की पढ़ाई करने वालों से संस्कृत के विद्वान बेहतर हैं। संस्कृत विद्वान कभी बेरोजगार नहीं होगा। वह ऐसे लोग घर खरीदने, शादी करने और बच्चों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। डॉक्टरों और विपक्ष की आपत्ति के बावजूद वह अपने बयान पर कामम हैं। विपक्ष का कहना है कि यह भाजपा का वास्तविक चेहरा दिखाता है। मंत्री ने इससे पहले भी अतीत में कई विवादास्पद बयान दिए हैं।

शर्मा ने कहा, आज के छात्रों को वेदों की जानकारी होनी चाहिए। साथ ही कहा, वह गूगल पर नहीं बल्कि वेदों पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा, जो भी शिक्षक 50 साल का है, वह राज्य के सरकारी स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाने लिए यंग है। शिक्षा मंत्री ने महिला सुरक्षा के सवाल के संबंध में यह कहा।

करीब दो साल पहले रामबिलास ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर वार हीरोज स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों के स्कूल में जींस पहनने की पाबंदी के आदेश को वापस लेने के सवाल पर कहा था कि, स्कूल में अध्यापक का जींस पहनना चिंता का विषय नहीं है, बस नंगे न आ जाइएगा।

विभाग द्वारा जारी आदेश पर हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ-70 के प्रेसिडेंट प्रदीप सरीन का कहना था कि- “शिक्षा विभाग का यह आदेश शिक्षकों के अधिकारों का हनन है। जींस कोई ऐसा आउटफिट नहीं है, जिससे कोई आपत्ति होनी चाहिए। अगर सरकार को जींस जैसे कपड़ों पर आपत्ति है तो एक ड्रेस कोड लागू कर दे। वहीं इस पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बयान देते हुए कहा था कि शिक्षकों के जींस पहनने पर रोक नहीं लगाई जाएगी।