हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज (15 सितंबर) गुरुग्राम में रयान स्कूल में मारे गये छात्र प्रद्युमन के परिवार वालों से मिले। मनोहर लाल खट्टर ने इस केस की जांच सीबीआई से करवाने का भरोसा दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुग्राम स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल का राज्य सरकार तीन महीने के लिए टेकओवर कर रही है। अब तीन महीने के लिए इस स्कूल का प्रबंधन राज्य सरकार के हाथों में होगा। रयान स्कूल मेंं प्रद्युमन की हत्या के बाद उसके माता-पिता हरियाणा पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं हैं, और पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने उनकी मांग पर संज्ञान लिया। सीएम खट्टर ने कहा कि इस मामले में दोषियों को कतई नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने प्रद्युमन के परिवार को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया। बता दें कि सीएम मनोहर लाल खट्टर रयान इंटरनेशनल स्कूल हत्याकांड के लगभग एक हफ्ते बाद पीड़ित परिवार के घर पहुंचे हैं। 8 सितंबर को गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में सुबह लगभग सवा आठ बजे प्रद्युमन के पिता को स्कूल से फोन आया था कि उसके बेटे का गला काट दिया गया है। बाद में अस्पताल में प्रद्युमन को मृत घोषित कर दिया था।
This case is handed over to CBI for investigation: Haryana CM ML Khattar on 7-year-old #Pradyuman murder pic.twitter.com/NVN7WWnkVY
— ANI (@ANI) September 15, 2017
Glad that the sensitivity this case deserved has been shown-#Pradyuman‘s father Varun Thakur on handing over of his son’s murder case to CBI pic.twitter.com/AXjGBOEhWT
— ANI (@ANI) September 15, 2017
Haryana CM ML Khattar meets mother of 7-year-old #Pradyuman who was killed in Gurugram’s #RyanInternationalSchool pic.twitter.com/2zMU4WbJXs
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इस मामले में गिरफ्तार स्कूल बस कंडक्टर अशोक की भूमिका शुरू से ही संदेह के घेरे में रही है। अशोक के वकील ने कहा है कि वो बेकसूर है और पुलिस ने दबाव डालकर उसे हत्या कबूलने का बयान दिलवाया है। अशोक के वकील का दावा है कि कुछ बड़े लोगों को बचाने के लिए उसके मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। अशोक के परिवार वाले भी कह चुके हैं वो हत्या जैसी जघन्य वारदात कभी नहीं कर सकता है। प्रद्युमन के माता-पिता भी इस मामले में अशोक के अलावा किसी और की भूमिका भी देख रहे हैं।
प्रद्युमन के पिता वरुण ने समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि इस पूरे मामले में स्कूल की लापरवाही सामने आई है। स्कूल ने शुरू से ही ऐसा बर्ताव किया, जैसे यह कोई छोटी-मोटी घटना हो। इस घटना की पूरी जवाबदेही स्कूल प्रबंधन की बनती है। वह कहते हैं, “मैं रोजाना स्कूल के भरोसे अपने बच्चे को छोड़कर आता था। कोई पिता सोच भी कैसे सकता है कि स्कूल में बच्चे की हत्या हो सकती है!” यह पूछने पर कि उन्हें घटना की जानकारी कब और किससे मिली, वरुण कहते हैं, “मुझे स्कूल के रिसेप्शन से फोन आया था, जिसमें मुझे स्कूल की सेक्शन इंचार्ज से बात करने को कहा गया। तब मुझे बताया गया कि बच्चा बाथरूम के पास गिरा हुआ मिला है और उसका खून बह रहा है। मुझे तुरंत आने को कहा गया। मैं रास्ते में था, तभी दोबारा फोन आया कि ‘हम बच्चे को लेकर अस्पताल जा रहे हैं, आप वहीं आ जाइए’.. उस वक्त भी मैंने यही सोचा कि छोटी-मोटी चोट आई होगी, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ने बताया कि बच्चा मृत अवस्था में यहां लाया गया था।”
क्या शुरू से ही इस घटना की लीपापोती की गई? वरुण कहते हैं, “मैंने भी मीडिया के जरिए ही सुना है कि बाथरूम के पास खून के धब्बों को साफ किया गया। स्कूल ने जवाबदेही से भी पल्ला झाड़ लिया। पुलिस से भी खास सहयोग नहीं मिला। कई बार ऐसा लगा कि मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है। प्रद्युमन की हत्या के बाद बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले उसके माता पिता वरुण ठाकुर और ज्योति ठाकुर की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है। प्रद्युमन की मां अब बदहवास सी है और बेटे को अक्सर याद कर बेचैन हो जाती है।
