शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी अकाल तख्त (SGPC) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के अनुसार शिरोमणि अकाली दल (SAD) और गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के बीच चल रहे तनाव के बीच धामी ने इस्तीफा दिया है। इसको लेकर धामी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है।

अकाल तख्त जत्थेदार द्वारा 2 दिसंबर 2024 को शिअद के पुनर्गठन के लिए गठित सात सदस्यीय समिति से भी धामी ने इस्तीफा दे दिया। धामी ने ये इस्तीफा नैतिक दुविधा का सामना करते हुए दिया। क्योंकि अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार के पद से ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का खुलकर विरोध किया था। जबकि वो शिअद के कार्यवाहक अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ धामी की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति के समक्ष पेश नहीं हुए थे।

हनप्रीत ने लगाया था चरित्र हनन का आरोप

इस्तीफे को लेकर धामी ने अमृतसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए कहा, इससे पहले, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारी समिति ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से बर्खास्त कर दिया था। मैं हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब के प्रति समर्पित रहा हूं और हमेशा रहूंगा। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पद से हटाने के बाद ज्ञानी रघबीर सिंह ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट किया और ज्ञानी हरप्रीत को बर्खास्त करने का मांग की। सिंह के इस बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण रवैये की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।

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हरजिंदर सिंह धामी को नैतिक दुविधा का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार के पद से हटाने का विरोध किया था। धामी के इस्तीफा देने के बाद अकाली दल में संकट नजर आ रहा है।

पिछले कुछ महीनों से अकाली दल और एसजीपीसी दोनों ही मुखर हरप्रीत सिंह के हमलों का सामना कर रहे हैं, जिसमें हरप्रीत ने कुछ अकाली नेताओं पर पिछले साल 2 दिसंबर को अकाल तख्त द्वारा जारी निर्देशों से ध्यान हटाने के लिए उनके “चरित्र हनन” के लिए कथित तौर पर अभियान चलाने का आरोप लगाया था।