ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास जी तहखाने में पूजा की अनुमति जब से मिली है, मुस्लिम पक्ष थोड़ा असहज है। उसकी तरफ से इलाहबाद हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दे दी गई है। वो हर कीमत पर जिला अदालत के आदेश पर रोक चाहता है। इस बीच ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में पूजा की सारी तैयारी कर ली गई हैं। आरती का समय भी सामने आ गया है।
बताया जा रहा है कि व्यास जी के तहखाने में पांच बार आरती की जाएगी। मंगला आरती- सुबह 3:30 बजे, भोग आरती- दोपहर 12 बजे, अपरान्ह- शाम 4 बजे, सांयकाल- शाम 7 बजे, शयन- रात्रि 10:30 बजे। अब जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को हिंदू पक्ष को बड़ी राहत देते हुए परिसर में मौजूद तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का निर्णय सुनाया था। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने डीएम को सात दिन के अंदर व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ के प्रबंध करने का आदेश दिया था।
असल में ऐसी मान्यता है कि व्यास जी तहखाने के सामने ही नंदी विराजमान है, उसी वजह से 1993 तक उस स्थल पर पूजा की जाती थी। लेकिन तब की मुलायम सरकार ने उस पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब 31 सालों बाद फिर हिंदू पक्ष को वहां पर पूजा करने का अधिकार मिला है। यहां ये समझना जरूरी है कि हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद असल में औरंगजेब ने बनवाई थी और वहां पर पहले भगवान शिव का एक भव्य मंदिर था।
ASI की जो रिपोर्ट सामने आई है, वो भी इस बात की तस्दीक करती है। 839 पन्नों की रिपोर्ट में स्वास्तिक के निशान, नाग देवता, कमल पुष्प, टूटी हुईं हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुल 32 ऐसे प्रमाण मिले हैं जो वहां पर मंदिर होने के सबूत पेश करते हैं। खुलासा तो ये भी हुआ है कि कई ऐसे खंभे मौजूद जो असल में मंदिर के थे, लेकिन उनका इस्तेमाल ज्ञानवापी मस्जिद को बनाने में इस्तेमाल किया गया।