Gyanvapi Masjid Case News: वाराणसी कोर्ट ने व्यास तहखाने से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया है। यह तहखाना साल 1993 में उस समय यूपी में शासन कर रही मुलायम सिंह यादव सरकार के आदेश के बाद सील कर दिया गया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिला प्रशासन को सात दिनों के भीतर व्यवस्था करनी होगी। वाराणसी जिला प्रशासन ने 24 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी तहखाने को अपने कब्जे में ले लिया था।

k

मीडिया से बातचीत में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर ने बताया कि कोर्ट ने जिला प्रशासन को सात दिन के अंदर व्यवस्थाएं करने का आदेश दिया है। कुछ महिलाओं की तरफ से व्यास तहखाने में पूजा की अर्जी लगाई गई थी। कोर्ट ने इसी मामले में बुधवार को फैसला सुनाया है।

वकील विष्णु शंकर ने इस फैसले की तुलना रामजन्मभूमि से जुड़े जस्टिस केएम पांडे के उस आदेश से की, जिसमें ताला खुलने का आर्डर दिया था। उन्होंने कहा कि यह वैसा ही आदेश है। यह टर्निंग पॉइंट है, बहुत ऐतिहासिक ऑर्डर है। उन्होंने कहा कि अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा तो हम तैयार हैं। हम इलाहाबाद हाई कोर्ट में कैविएट फाइल करेंगे।

वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि 1993 में व्यास तहखाने में पूजा पाठ पर रोक लगाई गई थी। हमने उनके वंशज शैलेंद कुमार व्यास की तरफ से हमने याचिका दाखिल की थी। आज पूजा पाठ का आदेश दे दिया गया है। कोर्ट ने प्रशासन से एक हफ्ते में व्यवस्था करने के लिए कहा।

कोर्ट ने क्या कहा?

डिस्ट्रिक्ट जज ने अपने आदेश में DM को आदेश देते हुए कहा है कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किए गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं।

कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश में कहा गया है  कि DM वाराणसी / रिसीवर को निर्देश दिया जाता है कि वह सेटेलमेंट प्लॉट नं. 9130 थाना—चौक, जिला वाराणसी में स्थित भवन के दक्षिण की तरफ स्थित तहखाने, जो कि वादग्रस्त सम्पत्ति है, वादी तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के द्वारा निर्दिष्ट पुजारी से पूजा, राग—भोग, तहखाने में स्थित मूर्तियों का कराये और इस उद्देश्य के लिये सात दिन के भीतर लोहे की बाड़ आदि में उचित प्रबंध करें।

k

क्या है व्यासजी का तहखाना?

व्यास तहखाना को लेकर वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह भगवान नंदी के ठीक सामने स्थित है। यह व्यास परिवार का तहखाना है। उन्होंने बताया कि मस्जिद के ग्राउंड फ्लोर में साल 1993 तक यहां पूजा होती थी लेकिन नवंबर 1993 में सरकार द्वारा यहां पूजा बंद करा दी गई और पुजारियों को हटा दिया गया।

श्रृंगार गौरी और व्यासजी तहखाना अलग केस

आपको बता बता दें, 18 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था। महिलाओं ने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन-दर्शन की मांग की थी। महिलाओं की मांग पर जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद परिसर का ASI सर्वे कराने का आदेश दिया था। वहीं, ASI ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। श्रृंगार गौरी केस और व्यासजी तहखाना पूजा की मांग दोनों केस अलग हैं।