रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के नेता और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास अठावले ने गुजरात में पाटीदार समुदाय की सरकार से शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने की मांग का समर्थन किया है। अठावले ने कहा है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सुमदायों को आरक्षण का लाभ देने के संविधान में संशोधन होना चाहिए। अठावले ने वडोदरा के संकल्प भूमि में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘गुजरात में पाटीदार समुदाय को आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए क्योंकि इस समुदाय के भी सभी लोग आर्थिक रूप से सशक्त नहीं है। हमें भारत के संविधान में सेशोधन कर हर समुदाय और जाति के ऐसे लोगों के लिए आरक्षण का लाभ सुनिश्चित करना चाहिए जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है।’

महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले रामदास अठावले ने गुजरात के उना में दलितों के खिलाफ हुए अत्याचार पर बोलते हुए कहा, ‘गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से इस मामले में मेरी बातचीत हुई है और उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि राज्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी। उन्होंने उना मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया है।’

आठवले ने कहा कि इस तरह के आरक्षण की मांग लगभग सभी राज्यों में उठ रही है। ऐसे में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण मिलना ही चाहिए। गौरतलब है कि रामदास अठावले महाराष्ट्र में मराठी समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देने की मांग का समर्थन करते रहें हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्पीड़न कानून को रद्द नहीं होने दिया जाएगा। हां, इसमें कुछ बदलाव का प्रस्ताव आया है तो उस पर मंत्रालय विचार कर सकता है। अठावले ने कहा कि ऐसे लोग जो ‘उत्पीड़न कानून’ को खत्म किए जाने की मांग करते रहे हैं उनको पहले दलितों पर अत्याचार न हो इसको सुनिश्चित करना चाहिए।

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