गुजरात के अमरेली जिले के शियाल बेट द्वीप पर रहने वाले लोगों को आजादी के बाद पहली बार बिजली देखने को मिली है। इस द्वीप पर रह रहे लोगों ने शनिवार (11 जून) को पहली बार बिजली से अपने घर में टीवी और फ्रिज चलता देखा। इससे पहले तक ये लोग जेनरेटर और सोलर पैनल का इस्तेमाल करके बिजली पैदा कर रहे थे। शियाल बेट द्वीप अब भारत के उन 18,000 गांवों में शामिल नहीं है जिनतक बिजली नहीं पहुंच पाई है।
शियाल बेट द्वीप पर लगभग 5 हजार लोग रहते हैं और बिजली आने के बाद सब खुश हैं। 11 जून को गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल भी वहां पर गई थीं। उन्हें और उनके हेलिकॉप्टर को देखकर सब लोग चौंक गए थे क्योंकि वहां किसी ने ना तो पहले किसी मुख्यमंत्री को इतने करीब से देखा था और ना ही किसी हेलिकॉप्टर को।
पहले इस द्वीप पर मरीन केबल द्वारा बिजली लाने की बात सोची गई थी, पर सब जानते थे कि वह यहां से भारी भरकम नावों के गुजरने की वजह से ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगी। सोलर लाइट से भी उतनी बिजली पैदा नहीं हो पा रही थी जितने की जरूरत थी। ऐसा वहां के मौसम में ज्यादा नमी रहने की वजह से होता है। अब समुद्र के नीचे तार बिझाकर शियाल तक बिजली पहुंचाई गई है।
कई लोगों का बिजनेस बिजली ना होने और जनरेटर चलाने का खर्चा बढ़ने की वजह ठप्प हो रहा था। उन्हें इससे राहत मिलेगी। इसके साथ ही कई लोग अब नए-नए व्यवसायों के बारे में भी सोच रहे हैं जिन्हें वे बिजली की कमी के चलते नहीं कर पा रहे थे।