गुजरात की पारुल यूनिर्सिटी के मालिक जयेश पटेल को यूनिवर्सिटी में पढ़ रही एक नर्सिंग की स्टूडेंट के रेप के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार (21 जून) हो हुई इस गिरफ्तारी के बाद जयेश पटेल और लगभग 100 एकड़ में फैली उनकी यूनिवर्सिटी सवालों के घेरे में आ गई है। जयेश पटेल गुजरात के उन मशहूर लोगों में से हैं जिनकी राजनीति में भी अच्छी पकड़ है।
जयेश पटेल की उनकी बढ़ती जायदाद के चलते बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लोग उन्हें जानते थे। जयेश पटेल, जिनके पास होम्योपैथी का डिप्लोमा है वह किसी वक्त 150 रुपए लेकर अपने क्लीनिक में गर्भपात किया करते थे। उन्होंने यह काम लगभग चार साल तक किया। इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद में एक होम्योपैथी का इंस्टीट्यूट खोला और फिर कुछ ही वक्त में पारुल यूनिवर्सिटी। यह यूनिवर्सिटी उनकी बेटी के नाम पर है।
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बीजेपी में शामिल होने से पहले जयेश कांग्रेस में हुआ करते थे। वह 2007 और 2012 में दो बार चुनाव भी लड़े, पर दोनों बार हार गए। इसके बाद धीरे-धीरे वह बीजेपी के करीब आने लगे। 2014 में लोक सभा चुनावों के बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन भी कर ली। इससे अगले साल ही पारुल इंस्टीट्यूट को यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला था। इसके बाद यूनिवर्सिटी को MBBS कोर्स चलाने की भी इजाजत दे दी गई।
इसके बाद कुछ ही सालों में उनकी दौलत 3.70 करोड़ से सीधा 7.21 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। इसी बीच जब वह चुनाव में खड़े थे, तब उनके बेटे पर यूनिवर्सिटी की गाड़ी में 53,000 रुपए की शराब ले जाने का आरोप लगा था।
फिलहाल जयेश को बीजेपी से सस्पेंड कर दिया गया है। उनके समर्थकों का कहना है कि वह राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं।

