गुजरात में दो समुदायों के बीच एक प्लॉट को लेकर ठनी हुई है। मामला अहमदाबाद का है जहां हिंदू परिवारों के इलाके में एक हिंदू शख्स ने घर लिया है। लेकिन वहां रहने वाले बाकी लोगों का कहना है कि मनु धाबी नाम का वह शख्स उसके मुस्लिम मालिक का बस एक ‘मोहरा’ है जो हिंदू सोसाइटी में घर खरीदना चाहता है। वहीं इस पर मनु का कहना है कि सारा विवाद उसके दलित होने की वजह से है। मनु के मुताबिक, वहां के लोग नहीं चाहते कि एक दलित उनकी सोसाइटी में घर ले।
क्या है पूरा मामला: अहमदाबाद में श्री दयाभाई पार्क नाम से एक पॉश सोसाइटी है। इस सोसाइटी में मनु नाम के शख्स ने घर लिया है। वह शरीफ खान पठान के यहां काम करता है। सोसाइटी के लोगों का आरोप है कि मनु को पैसे देकर शरीफ मकान ले रहा है। सबसे पहले सोसाइटी के सचिव प्रकाश शाह ने इस बात को उठाया। शाह के मुताबिक, उन्होंने जमीन के कागज देखे। जिसमें मकान का मालिक शरीफ को बताया गया है। इसके बाद विरोध शुरू हो गया। फिर विश्व हिंदू परिषद के लोग भी सोसाइटी में पहुंचकर हंगामा करने लगे।
गुजरात में क्या है नियम: गुजरात में 1991 Disturbed Areas Act लागू है। इसके मुताबिक, कोई भी हिंदू या मुस्लिम अपनी जगह किसी दूसरे धर्म के शख्स को नहीं बेच सकता। अगर वह ऐसा करना चाहता है तो कलैक्टर की परमिशन लेनी होगी।
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क्या कह रही है सोसाइटी: सोसाइटी के लोग चाहते हैं कि मनु उन्हें लिखकर दे कि वह किसी मुसलमान को यह प्लॉट नहीं बेचेगा। इस बात को मानने से मनु ने इंकार कर दिया। उसका कहना है कि उन लोगों को ऐसी शर्त रखने का अधिकार नहीं है। इस मामले ने गुजरात में तूल पकड़ ली है। राज्य गृह मंत्री ने Disturbed Areas Act का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम लोग कैराना की तरह से हिंदूओं का जाना अहमदाबाद या गुजरात में नहीं होने देंगे।’
फिलहाल मामला कोर्ट में है और इसपर फैसला आना है। मनु ने कोर्ट को दिए अपने स्टेटमेंट में कहा, ‘मैं दलित हूं इसलिए ये लोग मुझे मकान नहीं खरीदने दे रहे।’