गुजरात के अहमदाबाद में एक शख्स नौकरी छोड़कर गरीब और बेसहारा बच्चों का भविष्य संवारने का काम कर रहा है। गरीब बच्चों को पढ़ाने वाले विराट शाह दुबई से लाखों की नौकरी छोड़कर आए हैं और आज यहां करीब 200 बच्चों को फ्री में ट्यूशन दे रहे हैं। विराट बताते हैं कि उनके पिता एक मिल मजदूर थे। उन्होंने कभी किसी को अपने घर से खाली हाथ नहीं लौटाया, यह सब उनकी नौकरी के साथ खत्म हो गया। स्कूल के दिनों में मेरा चयन इंजीनियरिंग में हो गया और मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया। इस दौरान मैं ट्यूशन भी देता था। किसी से भी ट्यूशन फीस लेना मुझे हमेशा से चुभता था लेकिन पैसे की जरुरत के आगे मजबूर था। पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने भारत में कई कंपनियों में नौकरी की और उसके बाद तृप्ति से शादी की।

विराट ने टीओई को बताया कि एक दिन उन्हें विदेश में काम करने का ऑफर आया। उन्होंने पांच साल भारत के बाहर नौकरी की और परिवार के लिए पैसे कमाने के बाद वापस आ गए। उन्होंने बताया कि मुझे दुबई में 3.5 लाख रुपए महीने सैलरी मिलती थी। 2010 में भारत वापस आ गए और फिर यहीं रहने का फैसला किया। मैंने झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को पढ़ाने का अपना सपना पूरा करने की सोची। सितंबर 2014 में 10 बच्चों के साथ मैंने अपने सफर की शुरुआत की। 2015 में जब मैं उन बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने गया तो प्रिंसिपल ने मना कर दिया। इसके बाद मैं उन बच्चों का अभिभावक बन गया।

विराट के दावा किया कि उनके पास इस तरह के कुल 9 फुटपाथ स्कूल हैं, जिनमें 200 बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने सर्वोदय ग्रुप ट्रस्ट के नाम से इसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। वह बताते है कि उनका एक दोस्त शेड्स (फुटपाथ स्कूल की छत) बनाने में उनकी मदद करता है और दूसरा बच्चों के लिए मेडिकल चैकअप की व्यवस्था करता था। इसके साथ ही वे लोग बच्चों के खाने का भी पूरा ध्यान रखते हैं। शाह ने बताया कि उनका सपना एक ऐसा स्कूल बनाने का है जहां कोई फीस नहीं ली जाएगी और जरुरतमंद बच्चों को क्वॉलिटी एजुकेशन मिल सकेगी।