गुजरात की भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री शंकर चौधरी की सलाह है कि मच्छरों से निपटने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहिए। बुधवार (24 मई) को गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित मलेरिया मुक्त अहमदाबाद कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री चौधरी ने मजाक करते हुए कहा, “जब कोई मुझसे मच्छर की बात करता है तो मुझे बॉलीवुड एक्टर नाना पाटकर का मच्छर पर एक डॉयलॉग याद आता है लेकिन मैं उसे कहने से बचता हूं।” स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि मच्छर भी आतंकवादियों जैसे हैं और उनसे लड़ना देशभक्ति है।

मंत्री के बयान पर श्रोताओं द्वारा तालियां बजाए जाने के बाद उन्होंने आगे कहा, “मच्छर आतंकवादी होते हैं। ये साइलेंट किलर हैं लेकिन हम इन्हें गंभीरता से नहीं लेते। जब (आतंकवादी घटनाओं में) लोग मरते हैं तो हम कैंडल मार्च निकालते हैं लेकिन हम मलेरिया से होने वाली मौतों पर ध्यान नहीं देते। पिछले साल राज्य में मलेरिया के 40 हजार मामले सामने आए और इनमें से छह हजार जहरी मलेरिया (प्लाज्मोडियम फाल्सिपैरम से होने वाला) थे। ऐसी बीमारियों से लड़ना भी देशभक्ति है।”

मंत्री चौधरी ने कहा कि ज्यादातर लोग मानते हैं कि उनके घर मच्छर मुक्त हैं लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, “मेरे ख्याल से हमें ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहिए। नगरपालिका (एएमसी) को मच्छर पैदा करने वाले छतों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना चाहिए।” अहमदाबाद महानगर पालिका के अनुसार शहर में साल 2014 में मलेरिया के 6358, साल 2015 में 6857 और 2016 में 9979 मामले सामने आए थे।

जुलाई 2016 में गुजरात सरकार ने मलेरिया और डेंगू को नोटिफाइड बीमारी घोषित किया था। नोटिफाइड होने के बाद सरकारी अधिकारियों को इन बीमारियों के बारे में सूचित करना जरूरी हो जाता है। बुधवार को हुए कार्यक्रम में गुजरात सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला वाधवानी, अहमदाबाद के मेयर गौतम शाह और स्वास्थ्य आयुक्त जेपी गुप्ता भी मौजूद थे। कार्यक्रम में मौजूद सभी मंत्रियों और अधिकारियों ने गुजरात को 2022 तक मलेरिया मुक्त बनाने को सामूहिक दायित्व बताया। मेयर शाह ने कहा कि अहमदाबाद में हर गुरुवार को “ड्राइ डे” मनाया जाएगा। इस दिन लोग अपने घरों में पानी की सफाई और बदलाव करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लोगों के घरों में जाकर जांच करेंगे कि कहीं मलेरिया के मच्छर तो नहीं पल रहे।