14 साल तक गुजरात के ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल मंत्री रहे और चार बार के भाजपा विधायक सौरभ पटेल का गुजरात के आठ ऑयल ब्लॉक में वित्तीय हिस्सेदारी का मामला सामने आया है। इंडियन एक्सप्रेस की जांच के अनुसार पटेल ने कंपनियों के जाल के द्वारा इन ब्लॉक्स में पैसा लगाया। सात अगस्त 2016 को विजय रुपाणी के मुख्यमंत्री बनने पर सौरभ पटेल को मंत्रीमंडल से निकाल दिया गया था। रुपाणी आनंदीबेन पटेल की जगह गुजरात के सीएम बने थे। अप्रैल 2008 में नरेंद्र मोदी सरकार में जब सौरभ पटेल ऊर्जा मंत्री थे तब उनके भाई मेहुल दलाल और भाभी निकिता दलाल ने सुरज्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की थी। इनमें प्रत्येक के 5000 शेयर थे। अगले साल पटेल और उनके बेटे अभय दलाल को भी 5000 शेयर मिले। कंपनी में यह शेयरहोल्डिंग अभी भी जारी है। सौरभ और उनके बेटे ने पते के रूप में नंदन पंचवटी, एलिसब्रिज, अहमदाबाद लिखा है। जबकि कंपनी का पता 3-सी, सेंटर पॉइंट, पंचवटी, एलिसब्रिज, अहमदाबाद है। पिछले सप्ताह जब इंडियन एक्सप्रेस इस पते पर गया तो पता चला कि कंपनी का दफ्तर गुलबाई टेकरा, पंचवटी, अहमदाबाद में शिफ्ट हो गया है।
अक्टूबर-दिसंबर 2009 के दौरान जब पटेल ऊर्जा मंत्री थे तो सुरज्य ने गुजरात नेचुरल रिसॉर्स लिमिटेड में निवेश किया था। इस निवेश से हितों के टकराव का मामला बनता है। इंडियन एक्सप्रेस ने जब कंपनी के रिकॉर्ड, बैलेंस शीट और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में फाइलिंग की जांच की तो कई सारी कंपनियों का जाल सामने आया। ये सब सौरभ पटेल की सुरज्य से जुड़ी हुई थी। सुरज्य ने केंद्र और राज्य के मालिकाना हक वाली कंपनियों से गुजरात के कैम्बे बेसिन में आठ ऑयल ब्लॉक में खोज के लिए कॉन्ट्रेक्ट साइन किया। केंद्र और राज्य की जिन कंपनियों से सौरभ पटेल की कंपनी ने करार किया उनमें पीएसयू ओएनजीसी, हिंदुस्तान ऑयल एंड एक्सप्लोरेशन कंपनी, गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन शामिल है। रोचक बात है कि गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन का कामकाज तो पटेल के मंत्रालय के तहत ही आता था।
इस बारे में जब सौरभ पटल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह उनकी छवि खराब करने की कोशिश है। यह सब राजनीति से प्रेरित है। वे इस बिजनेस में 1998 से हैं। उन्हें इस बारे में याद नहीं। इंडियन एक्सप्रेस की ओर से भेजे गए सवालों के जवाब में उन्होंने लिखा, ”मैं हैरान हूं और दुखी हूं कि आप जैसे वरिष्ठ पत्रकार जिनका मैं सम्मान करता हूं, उन्होंने इस तरह के सवाल भेजे हैं। यह कुछ नहीं बस मेरी छवि खराब करने की कोशिश है।” उन्होंने 2012 में चुनाव आयोग में दिए दस्तावेजों में भी सुरज्य कंपनी में अपने 5000 शेयर को लेकर जानकारी नहीं दी। सौरभ पटेल धीरूभाई अंबानी के बड़े भाई रमणीकभाई अंबानी के दामाद हैं। साल 2002 में मोदी ने उन्हें कैबिनेट में शामिल किया था। 2002 से 2016 के बीच उन्होंने ऊर्जा एवं पेट्रोकेमिकल, खनिज, स्टेशनरी, पर्यटन, सिविल एविएशन, नमक उद्योग सहित कई मंत्रालय संभाले।