गुजरात के शहर सूरत में एक हैरान करने वाली घटना इन दिनों चर्चा में है। यहां एक पिता ने दूसरी शादी करने से पहले अपनी बेटी को अनाथालय के हवाले कर दिया था। इस बात की खबर उसने किसी को भी नहीं होने दी। इस बात की खबर जब बच्ची की दादी को हुई तो उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। दरअसल दादी सबसे पहले अनाथ आश्रम गई पर वहां से उसे नियम कायदों को हवाला देकर लौटा दिया गया।
दादी एक वकील की मदद से अदालत पहुंची तो कोर्ट ने सर्च वॉरंट जारी कर बच्ची को अदालत में पेश करने को कहा। बच्ची ने अदालत में कहा कि वो 25 दिनों से अपनी दादी के पास जाने के लिए कह रही है, लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर रहा है। पूरे मामले को समझते ही अदालत ने बच्ची को दादी के हवाले करने का आदेश दिया।
शराबी पिता: बच्ची की दादी ने बताया कि उसका बेटा शराबी है और इसी लत के चलते चार साल पहले उसका तलाक हो चुका है। पिछले कुछ दिनों से उसे दूसरी शादी का भूत सवार हो गया। उसकी तीन संतानें हैं जिनमें सबसे बड़ा बेटा है, फिर दो बेटियां। सबसे छोटी बेटी तलाक के बाद से अपनी मां के साथ रहती है। बस कंडक्टर का काम करने वाला शराबी पिता लगभग एक महीने पहले बिना किसी को कुछ बताए अपनी बेटी को घुमाने के बहाने घर से ले गया और अनाथ आश्रम में छोड़ दिया।
बेटी जन्मी तो उसे खेत की मेढ़ के बीच गड्ढा खोदकर दफना दिया, चरवाहों और ग्रामीणों में बचाई जान
देश-दुनिया और समाज भले की आधुनिकता की रट लगाए लेकिन बेटियों के प्रति कुछ लोगों का रवैया खून खौला देता है। राजस्थान के जोधपुर जिले के एक गांव की घटना इंसानियत पर सवाल खड़ा करती है। यहां केतू कलां के सेखाला में कुछ लोगों ने एक नवजात को मारने के लिए उसे गड्ढे में दफना दिया था।
पत्थर दिल लोगों ने जिस नवजात बेटी को मरने के लिए दफनाया उसे चरवाहों और अन्य ग्रामीणों ने बचा लिया। बच्ची को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे जोधपुर के लिए रेफर कर दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बच्ची के परिवार के बारे में पता लगाया जा रहा है।