गुजरात में गौहत्या करने वालों को अब उम्रकैद की सजा दी जाएगी। गुजरात सरकार ने शुक्रवार (31 मार्च) को गौ रक्षा कानून में संशोधन कर दिया। गुजरात में पहले से भी गौ रक्षा का कानून था जिसको नरेंद्र मोदी के सीएम रहते लाया गया था। अब उसको ही संशोधित किया गया है। गुजरात सरकार ने पहले से ही गौहत्या, गौमांस को लेकर जाने और बेचने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। यह सब गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम 1954 को 2011 में संशोधित करने के बाद किया गया था। अबतक उस कानून के तहत ऐसे किसी मामले में दोषी शख्स पर 50,000 रुपए का जुर्माना और सात साल तक की सजा का प्रावधान था। अब जिस वाहन में गौमांस लेकर जाया जाएगा उसको भी जब्त कर लेने की बात को विधानसभा में पास कर दिया गया है।
गुजरात के ऊना में गाय की कथित तौर पर चमड़ी उतारने के लिए पिटाई का मामला भी सामने आया था। उसमें कुछ कथित गौरक्षकों ने गाय की चमड़ी उतारने के आरोप में कुछ दलितों की बुरी तरह पिटाई की थी। उसका एक वीडियो भी सामने आया था। उसके बाद भी गुजरात से कुछ ऐसी ही खबरें सामने आई थीं।
फर्जी गौरक्षकों के डर के दलित लोगों ने मरी हुई गाय को उठाने से भी मना कर दिया था। उसके बाद भी कुछ हिंसक घटनाएं हुई थीं। इस वक्त गौहत्या का मुद्दा जोरों पर है। उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के बाद बीजेपी ने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई शुरू की है।
गौरतलब है कि इस साल गुजरात में विधानसभा चुनाव होना है। इस संशोधन विधेयक के पारित होने के साथ ही गौ वध के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य बन गया है। साथ ही गौ वध को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है। गुजरात पशु संरक्षण :संशोधन: विधेयक के अंतर्गत गौमांस को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने, एकत्रित करने और उसकी बिक्री करने के लिए भी दस वर्ष की जेल का प्रावधान है। विधेयक में रात के समय पशुओं को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने को भी प्रतिबंधित किया गया है।
गुजरात पशु संरक्षण अधिनियम, 1954 में संशोधन वाले इस विधेयक को कांग्रेस विधायकों की गैर-मौजूदगी में पारित किया गया। कांग्रेसी विधायकों को सदन में शोरगुल करने के लिए एक दिन के लिए निलंबित किया गया था।
विधेयक पारित होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘गुजरात विधानसभा ने देश भर में सबसे कड़े प्रावधानों वाले गौ संरक्षण विधेयक को पारित किया है। इसके तहत गौ वध के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।’’
विधेयक पेश करते हुए राज्य के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा, ‘‘गायों का केवल धार्मिक महत्व नहीं है अपितु हमारे समाज में उनकी आर्थिक अहमियत भी है। इसलिए गौ वध में संलिप्त लोगों के लिए कड़े प्रावधान बहुत जरूरी हैं।’’