गुजरात में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं, रिक्टर स्केल पर 4.2 की तीव्रता दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि रात 10 बजकर 15 मिनट पर गुजरात के मेहसाणा में यह झटके महसूस किए गए थे, भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किमी नीचे था। राहत की बात यह है कि किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है।

भूकंप के झटके गुजरात के मेहसाणा के साथ ही पाटन, बनासकांठा, पालनपुर, साबरकांठा में भी महसूस किए गए हैं। लोगों के मुताबिक झटके इतने तेज थे कि वे अपने घर से बाहक निकलने को मजबूर हो गए। अभी भी लोग सहमे हुए हैं, कई साल पहले आए विनाशकारी भूकंप की यादें उनके मन में ताजा चल रही हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 2001 में गुजरात के कच्छ में भयंकर भूकंप आया था जिसमें 13 हजार से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी।

गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पिछले 200 सालों में 9 सबसे बड़े भूकंप आ चुके हैं, वहां पर 2001 वाली त्रासदी सबसे ज्यादा घातक साबित हुई थी।

समझने वाली बात यह है कि पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

बड़ी बात यह है कि कितनी तबाही लाता है भूकंप रिक्टर स्केल असर 0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है। 2 से 2.9 हल्का कंपन। 3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर। 4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं। 5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है। 6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं। 8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। 9 और उससे ज्यादा पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।