गुजरात में कांग्रेस के 40 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पत्थरबाजी की घटना की निंदा करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इन नेताओं ने इस पूरे मामले में पार्टी अध्यक्ष परिमल सिंह राणा पर निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया। शुक्रवार को जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान पत्थरबाजी की इस घटना में एक व्यक्ति घायल हो गया था।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हो गई थी। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस ने स्थिति पर तुरंत नियंत्रण किया और रैली बिना किसी दिक्कत के आगे बढ़ी। भरूच पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। वहीं दो नाबालिगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई। इसी दिन सूरत के नानपुरा क्षेत्र में झारखंड में हुई तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा था।
पुलिस ने भीड़ को तितरबितर करने के लिए हवाई फायर किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार भी किया। कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अयूब सैयद ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने रैली निकालने और झारखंड मॉब लिंचिंग की घटना की निंदा में हमारा समर्थन नहीं किया। इसलिए, 22 नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। राणा ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हम इस घटना की निंदा करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते थे। यहां तक कि पुलिस ने हमें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।’
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में परिमल सिंह राणा ने कहा, ‘हमनें सोमवार को एक बैठक की थी। इसमें इस्तीफा देने वाले नेताओं से फिर से अपने कदम पर विचार करने को कहा गया लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे। इसलिए हमने इस्तीफा स्वीकार कर लिया।’
भरूच शहर कांग्रेस महासचिव धीरेन कटारिया ने कहा, ‘हम चाहते थे कि राणा रथ यात्रा के दौरान हुई पत्थरबाजी की घटना की निंदा करने के लिए हमें कार्यक्रम करने की इजाजत दें। हालांकि, इस संबंध में उनकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके परिणामस्वरूप हमने (सोमवार को) इस्तीफा दे दिया। 18 नेता व पार्टी कार्यकर्ता पहले ही हमारी भावनाएं आहत होने के कारण इस्तीफा दे चुके हैं।’