गोवा विधानसभा ने औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने वाला विधेयक पारित किया। उप मुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर ने फैक्टरी और बॉयलर्स एक्ट में संशोधन के लिए विधेयक पेश करते हुए स्पष्ट किया कि महिला कर्मियों को रात्रि पाली में कार्य के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। बता दें कि इस विधेयक के अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई और सुविधाओं पर भी चर्चा की गई। विधेयक में यह भी है कि इस मामले में महिलाओं की सहमति लेना अनिवार्य होगा। बता दें कि इस तरह के कानून महाराष्ट्र में पहले से ही है, जहां महिलाओं को सभी तरह की सुरक्षा प्रदान करने के बाद उन्हें काम दिया जाता है।

विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की उठी मांगः वहीं इस मामले में विपक्षी विधायकों कांग्रेस के प्रताप सिंह राने, एलेक्सो आर.एल., रवि नाइक और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी सुदीन धवलीकर ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की है। इस दौरान विधेयक का बचाव करते हुए कवालेकर ने कहा कि कई बार महिलाओं को इसलिए पदोन्नति नहीं प्रदान की जाती, क्योंकि वे नाइट शिफ्ट में कार्य नहीं करती हैं। इसके अलावा महिलाओं को काम के दौरान और भी सुविधा व सुरक्षा देने पर भी चर्चा हुई।

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महिलाओं को लैंगिक बराबरी देने का प्रयासः उप मुख्यमंत्री ने महिलाओं को लैंगिक बराबरी देने पर जोर देते हुए कहा,‘ यह विधेयक कामकाजी महिलाओं को लैंगिक बराबरी देता है। हमें उनके काम-काज के घंटों पर नियंत्रण नहीं लगाना चाहिए। हमें खुले नजरिए से सोचने की जरूरत है।’ कावेलकर ने आगे कहा,‘प्रबंधन को रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं के लिए अलग कैंटीन की व्यवस्था और उन्हें कार्यस्थल तक लाने और घर जाने के लिए वाहन की सुविधा मुहैया करानी होगी।’