गोवा सरकार सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है ताकि नशे की हालत में लोगों के आम जनजीवन में बाधा पैदा करने की समस्या को कम किया जा सके। इसके साथ ही गोवा सरकार ने स्थानीय फेनी के मानकीकरण का फैसला किया है। सरकार फेनी को गोवा की स्थानीय पहचान के साथ जोड़ना चाहती है। गोवा के आबकारी आयुक्त मेनिनो डीसूजा ने बुधवार को बताया, ‘सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को लेकर आम लोगों से शिकायतें मिलती हैं। इसके कारण गंदगी भी फैलती है और अन्य प्रकार की बाधा भी उत्पन्न होती हैं’।

उन्होंने बताया, ‘राज्य आबकारी विभाग ने गोवा, दमण और दीव आबकारी अधिनियम 1964 में संशोधन किया है जो विभाग के इंस्पेक्टरों को अपराधियों को सजा देने का अधिकार प्रदान करेगा’। डीसूजा ने बताया कि विभाग ने पूर्व में पूर्व आबकारी आयुक्त अशोक देसाई की अध्यक्षता में मौजूदा आबकारी कानून की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया है।

सरकारी रिकॉर्डों के मुताबिक, गोवा में 9,445 बारों और रेस्त्रां में शराब परोसी जाती है और इसके अलावा 332 शराब बेचने वाली थोक दुकानें हैं। डीसूजा ने बताया कि पर्यटक स्थलों पर शराबी लोगों के बाधा पहुंचाने की जांच के लिए राज्य पर्यटन विभाग ने पहले ही गोवा पर्यटन स्थल (सुरक्षा और रखरखाब) कानून में संशोधन किया है।

इसके साथ ही गोवा सरकार ने फेनी कारोबार को नियमित करने का फैसला किया है। फेनी के कारोबार में गड़बड़ी पर रोक लगाने के लिए गोवा सरकार ने पूरे उद्योग को नियमित करने का फैसला किया है जिससे काजू किसानों और शराब बनाने वाली कंपनियों को लाभ होगा।

गोवा के उत्पाद शुल्क आयुक्त मेनिनो डीसूजा ने कहा, ‘सरकार फेनी ब्रांड को बढ़ावा देना चाहती है क्योंकि यह हमारा अपना उत्पाद है जिसका चिकित्सकीय मूल्य और सांस्कृतिक धरोहर संबंधी महत्त्व है। साथ ही हम इस कारोबार में गड़बड़ियों को रोकना चाहते हैं जिससे पूरे उद्योग का नाम बदनाम हो रहा है’।

उन्होंने कहा कि विभाग ने कड़े नियमन क्रियान्वित करने का फैसला किया है जिससे उत्पाद के मानकीकरण में मदद मिलेगी। फेनी को ‘ग्लोबल इंडिकेशन’ मिला हुआ है। इससे गोवा के बाहर किसी अन्य संबद्ध उत्पाद का नाम फेनी या उससे मिलता-जुलता नाम नहीं रखा जा सकेगा। डीसूजा ने कहा कि संबद्ध पक्षों के साथ हाल में हुई बैठक में उत्पाद के मानकीकरण की जरूरत पर बल दिया गया। बैठक में फेनी बनाने वाली इकाइयां भी शामिल हुर्इं।

हुड़दंगियों को मिलेगी सजा: सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को लेकर आम लोगों से शिकायतें मिलती हैं। राज्य आबकारी विभाग ने गोवा, दमण और दीव आबकारी अधिनियम 1964 में संशोधन किया है जो विभाग के इंस्पेक्टरों को अपराधियों को सजा देने का अधिकार प्रदान करेगा।… मेनिनो डीसूजा, गोवा के आबकारी आयुक्त

हल्का हो स्वाद: क्लब में पी जाने वाली शराब बन सकती है फेनी। इसे बनाने के दौरान थोड़ा शोध और इसके फिल्टर करने की तकनीक पर काम करने की जरूरत है। फेनी के हल्के स्वाद वाले उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं।… शतभी बासु, शराब विशेषज्ञ