महिला के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण के खिलाफ दुनियाभर में चली #MeToo मुहिम के बाद अब #MenToo भी ट्रेंड में है। दरअसल निर्भया रेप केस में आरोपियों को जल्द सजा होने के बाद से देश में रेप के झूठे आरोप लगाए जाने के मामलों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। रेप के झूठे आरोप लगाकर पैसे लेने की घटनाएं कई बार सामने आ चुकी हैं। इसी को देखते हुए लैंगिक समानता को लेकर काम करने वाले अमित देशपांडे ने भारत में ‘मी टू’ के बाद अब ‘मेन टू’ की जरूरत बताई है। उन्होंने इस संबंध में मुहिम भी चलाई है। उल्लेखनीय है कि कोर्ट की तरफ से भी महिला आयोग को गलत और झूठे मुकदमों पर लगाम लगाने के लिए काउंसलर्स को भी ट्रेनिंग देने की बात कही गई है।

’74 फीसदी रेप के आरोपी दोषमुक्त’: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार 74 फीसदी रेप के मामलों में आरोपियों को दोषमुक्त पाया गया है। बता दें कि शादी के लिए घर से भागने पर 40 फीसदी केस लड़की के घर वालों द्वारा लड़के पर दर्ज कराए जाते हैं। जबकि 30 फीसदी मामलों में महिलाओं द्वारा शादी के झूठे वादों की बात कही जाती है।

झूठे मामलों से जिंदगियां बर्बादः ऐसे मामलों में युवकों को काफी नुकसान होता है। कानून के अनुसार अगर कोई युवक किसी महिला के साथ जबर्दस्ती करता है तो उसे सजा मिल सकती है, मुआवजा भी देना पड़ सकता है। बता दें कि झूठे केस दर्ज करने पर महिला के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। ऐसे मामलों ने कई घर बर्बाद किए और कितने ही लोगों की नौकरियां तक छीन ली।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में एक लड़की ने अपने ब्वॉयफ्रेंड की कैंसर से पीड़ित बहन और पिता पर भी केस दर्ज करवाया था, जिसके कारण उसके पिता को जेल भी हुई थी। इस तरह देशपांडे का मानना है कि देश में कानून का युवकों के खिलाफ गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में इनका साथ सभी को देना चाहिए।