देश में पहली बार ट्रांसजेंडर्स को ड्राइविंग लाइसेंस दिया गया है। बता दें कि आंध्र प्रदेश के कड़पा जिले में 32 ट्रांसजेंडर्स को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए गए हैं। बता दें कि शनिवार (19 जनवरी) को जिला जज जी श्रीनिवास ने सभी लगों को लीगल सर्विस कैंप में लाइसेंस सौंपे। इस कैंप का आयोजन कड़पा जिले के पल्लावोलु गांव में किया गया था।

32 ट्रांसजेंडर्स को मिला एलएलआर: बता दें कि चैत्नय भाराती इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी ने एक कैंप का आयोजन करवाया। इस कैंप में जिला जज जी श्रीनिवास, कलेक्टर सी हरिकिरण और एसपी अभिषेक मोहांती मौजूद रहे। इन्होंने मिलकर 32 ट्रांसजेंडर्स को एलएलआर (लर्नर लाइसेंस रजिस्ट्रेशन) सर्टिफिकेट्स दिए गए।

15 जनवरी को हुई थी मीटिंग: बता दें कि 15 जनवरी को ट्रांसजेंडर्स के एक ग्रुप ने जिला जज जी श्रीनिवास से मुलाकत की और ट्रांसजेंडर्स को ड्राइविंग लाइसेंस की समस्या के बारे में बताया। उन्होंने जज को कहा कि ऑनलाइन फॉर्म अप्लाई करने में उनके पास उनके लिंगानुसार ऑप्शन ही नहीं मिलता। फॉर्म में सिर्फ पुरुष और महिला का ही ऑप्शन रहता है। ऐसे में उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल पाता है।

जज ने समस्या सुलझाने के लिए किया ये : जज जी श्रीनिवास ने इस समस्या को डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमीश्नर एम बासी रेड्डी को बताया और ट्रांसजेंडर्स के ड्राइविंग लाइसेंस मुद्दे को सुलझाने की बात कही। जिसके बाद बासी रेड्डी ने ट्रांस्पोर्ट कमीश्नर बालासुब्रमण्यम को पूरा मामला बताया। जिसके बाद ट्रांस्पोर्ट कमीश्नर ने ऑनलाइन फॉर्म में ट्रांसजेंडर्स के लिए आप्शन दिलवाने की बात कही। इसके साथ ही ट्रांस्पोर्ट कमीश्नर ने ट्रांसजेंडर्स को रोड सेफ्टी और ड्राइविंग से जुड़ी ट्रेनिंग देने की भी बात कही।

 

ट्रांसजेंडर्स का क्या है कहना: इस समस्या पर ट्रांसजेंडर्स मधु लता ने बताया कि वो अपनी खुद की गाड़ी लेना चाहते थे लेकिन उस फॉर्म में उनके लिए कॉलम नहीं होने की समस्या के चलते वो अपनी गाड़ी नहीं ले पाते थे। हालांकि जिला जज श्रीनिवास की मदद से ये समस्या भी जल्द सुलझ जाएगी।