नॉर्थ ईस्ट के एक राज्य ने अच्छी पहल करते हुए पीरियड्स के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को छुट्टी देने का ऐलान किया है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में महिला पुलिसकर्मियों को मेंसट्रुअल लीव (Menstrual Leave) देने की पहल की है। साथ ही यह छुट्टी पेड होगी। अरुणाचल प्रदेश के राजधानी क्षेत्र की महिला पुलिस कर्मियों को मासिक धर्म के दौरान विशेष अवकाश दिया जाएगा। एक आधिकारिक दस्तावेज में यह जानकारी दी गई।

पुलिस अधीक्षक (राजधानी) रोहित राजबीर सिंह की ओर से बुधवार को जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि महिला पुलिस कर्मियों को अब प्रत्येक महीने पीरियड्स के पहले या दूसरे दिन एक दिन का विशेष अवकाश मिलेगा। ज्ञापन में कहा गया , ‘‘ यह पहल एक सहायक कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के ईटानगर राजधानी क्षेत्र की पुलिस की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यह पहल महिला कर्मियों की विशिष्ट स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करती है और इससे उनका मनोबल और कार्य कुशलता बढ़ेगी।’’

नियम एवं शर्तों में यह प्रावधान है कि विशेष अवकाश को सभी प्रयोजनों के लिए ‘ऑन ड्यूटी’ माना जाएगा और पुलिस अधीक्षक कार्यालय और संबंधित पुलिस थानों पर एक महिला अधिकारी इन छुट्टियों का डीटेल रिकार्ड रखेगी।

हर महीने एक दिन मिलेगी ‘मेंसट्रुअल लीव’

हालांकि, नियमों के मुताबिक, यह स्पेशल मेंसट्रुअल लीव प्रति माह एक दिन तक सीमित है, इससे ज्यादा छुट्टी नहीं मिलेगी। ज्ञापन में आगे स्पष्ट किया गया है कि स्वीकृत एक दिन से अधिक विशेष अवकाश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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ओडिशा में पीरियड्स लीव

ओडिशा में भी सरकारी नौकरी में कार्यरत माहिलाओं को हर महीने एक दिन की पीरियड्स लीव मिलती है। सोमवार को जारी एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि ओडिशा में मासिक धर्म अवकाश नीति, जिसे पिछले महीने मुख्यमंत्री मोहन माझी ने मंजूरी दी थी, 55 वर्ष से कम उम्र के सरकारी कर्मचारियों तक ही सीमित रहेगी। यह पॉलिसी सालाना 12 दिन की छुट्टी देती है, प्रत्येक महिला कर्मचारी प्रति माह एक दिन की छुट्टी ले सकती हैं। हालांकि, किसी महीने नहीं ली गयी छुट्टी को अगले महीनों में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। अगर, इसका लाभ नहीं उठाया गया तो छुट्टी खुद-ब-खुद खत्म हो जाएगी।

भारत में मासिक धर्म की छुट्टी एक बार फिर सुर्खियों में है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने ‘महाराष्ट्रनामा’ शीर्षक से अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिला कर्मचारियों के लिए महीने में दो दिन की ‘पीरियड लीव’ का प्रस्ताव रखा है। गौरतलब है कि भारत में इस समय पेड ‘मेंसट्रुअल लीव’ का कोई केंद्रीकृत प्रावधान नहीं है। हालांकि, इस विषय पर कुछ राज्यों और कंपनियों के अपने नियम हैं।

(इनपुट- पीटीआई)