Karnal Protest Ends: हरियाणा के करनाल में किसानों और प्रशासन के बीच गतिरोध खत्म हो गया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने प्रशासन के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर धरना खत्म ( Karnal Protest Ends: ) करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा के खिलाफ रिटायर्ड जजों की एक कमेटी जांच करेगी, जांच के दौरान SDM छुट्टी पर रहेंगे। इसके अलावा मृतक किसान के परिवार को सरकारी नौकरी देने की बात भी कही गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसानों और प्रशासन के बीच समझौता शुक्रवार देर रात ही हो गया था, इसी के कारण शनिवार को होने वाली मीटिंग को कैंसिल कर दिया गया था और धरने को समेटने (Karnal Protest Ends) की तैयारियां शुरू हो गईं थीं।

एक महीने में पूरी होगी जांच: 28 अगस्त को करनाल के बसताड़ा टोल पर हुई लाठीचार्ज मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को सौंपी गई है। जांच अवधि के दौरान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। इस जांच को एक महीने में पूरी करने की बात भी कही गई है। इसके अलावा मृतक किसान के पीड़ित परिवार को नौकरी देने पर भी रजामंदी हो गई है। किसान परिवार के दो लोगों को नौकरी दी जाएगी। फिलहाल किसानों को आंदोलन खत्म (Karnal Protest Ends) वापस लौटने के लिए कहा गया है।

किसानों ने कहा हमें 100 फीसदी से ज्यादा मिला: प्रशासन के साथ मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने कहा कि हमनें जो भी मांगे की थी, वह हमें पूरी मिली है। उन्होंने सभी किसानों का धन्यवाद देते हुए कहा कि हमने तीन मांगे की थी और तीनों पूरी हुई हैं। मृतक किसान के परिवार के लिए मुआवजा मांगा था, प्रशासन की तरफ से 25 लाख का मुआवजा दिया गया है। वहीं घायलों को 2 लाख रुपये की मांग भी मंजूर कर ली गई है। उन्होंने बचाया कि पहले हम SDM के खिलाफ FIR की मांग कर रहे थे लेकिन कई वकीलों ने हमें सलाह दी कि हमें न्यायिक जांच की मांग करनी चाहिए। प्रशासन द्वारा हमारी यह भी मांग मानी गई।

उन्होंने बताया कि मृतक किसान के परिवार के दो सदस्यों को नौकरी और एसडीएम के खिलाफ न्यायिक जांच एक महीने के अंदर पूरी करने का आश्वासन दिया गया है। किसान नेता के अनुसार, इस तरह हमारी जी हुई, हमें 100 फीसदी से भी ज्यादा मिला है।

बैठक में कौन कौन हुआ था शामिल: प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के पास गुरुवार को ही वार्ता का प्रस्ताव आ गया था। शुक्रवार को किसानों की तरफ से 13 नेता मीटिंग में शामिल हुए। जिसमें चढ़ूनी के अलावा सुरेश कौथ और रतन मान शामिल थे। तो वहीं प्रशासन की तरफ से DC निशांत कुमार यादव और एसपी गंगाराम पूनिया शामिल हुए थे। मीटिंग के बाद धरना खत्म (Karnal Protest Ends) करने की बात कही गई।

लाठीचार्ज के बाद किसानों का आंदोलन हुआ था तेज: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि करनाल में किसान मिनी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे हुए थे। यह धरना लाठीचार्ज की घटना के बाद और तेज हो गया था। किसानों की मांग थी कि एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की जाए। करनाल प्रशासन और किसानों के बीच भी पिछली दिनों कई बार वार्ता होती देखी गई।