Chandigarh News: प्रवर्तन निदेशालय ने ईडी के एक असिस्टेंट डायरेक्टर, सीबीआई के एक डीएसपी और दो अन्य लोगों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू की है। ईडी की तरफ से एफआईआर और चार्जशीट की कॉपियां मुहैया कराने के लिए चंडीगढ़ के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में आवेदन दायर किया गया है। आरोपियों के बचाव पक्ष के वकील ने आवेदन पर अपनी आपत्ति नहीं जताई थी। इसलिए एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज अलका मलिक की सीबीआई कोर्ट ने आवेदन को स्वीकार कर लिया।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप, सीबीआई के डीएसपी बलबीर सिंह और विशाल के रिश्तेदार विकास दीप और नीरज के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और बीएनएस की धारा 61 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है।
2 दिसंबर 2024 को सीबीआई ने ऊना के देव भूमि ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन भूपिंदर कुमार शर्मा और सिरमौर के हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन रजनीश बंसल की शिकायतों के आधार पर विशाल के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की थीं। दोनों ने विशाल और ईडी के अन्य अधिकारियों पर उनके संस्थानों के खिलाफ दर्ज मामलों में उन्हें गिरफ्तार न करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।
मुंबई में टेक कंपनी के परिसर में ED की छापेमारी
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्ट ने क्या बताया?
प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट अधिकारी के मुताबिक, जब वह कथित हिमाचल प्रदेश स्कॉलरशिप घोटाले में अपराध की आय की जांच कर रहे थे तो उन्हें बलबीर और दो एफआईआर में से एक शिकायतकर्ता द्वारा आरोपों को कमजोर करने और उन्हें अरेस्ट ना करने के लिए शिकायतकर्ता को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत की राशि स्वीकार करने के लिए उकसाया था।
सीबीआई डीएसपी को अरेस्ट किया गया
हिमाचल प्रदेश स्कॉलरशिप स्केम से जुड़े रिश्वत मामले में पूछताछ के बाद सीबीआई डीएसपी को अरेस्ट किया गया। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर द्वारा बलबीर के खिलाफ आरोप लगाए जाने के बाद एजेंसी ने बलबीर की भूमिका की पुष्टि की। सीबीआई ने बाद में अपनी शुरुआती जांच में पाया कि सीबीआई डीएसपी की अपराध में सक्रिय भूमिका थी क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर 14 दिसंबर 2024 को होटल ललित में शिकायतकर्ता और आरोपी विशाल के बीच बैठक में मध्यस्थता की थी और 22 दिसंबर 2024 को मोहाली में एरोसिटी रोड जीरकपुर के पास रिश्वत पहुंचाने में भी मदद की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ED के लिए जांच को लेकर खींची लक्ष्मण रेखा