विधेयक के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार ( 3 अगस्त) को लगातार दूसरे दिन हड़ताल जारी रखी और आपात विभाग समेत सभी सेवाओं को बंद कर दिया जिसके कारण कई सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं। चिकित्सकों ने विधेयक के संबंध में उनकी चिंताओं को दूर नहीं किए जाने की स्थिति में हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखने की धमकी दी।एम्स, सफदरजंग, आरएमएल के रेजिडेंट डॉक्टरों के संघ और फोर्डा एवं यूआरडीए से संबंधित डॉक्टरों ने राज्यसभा में एनएमसी विधेयक पारित होने के बाद गुरुवार देर रात बैठकों के बाद हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।
एनएमसी विधेयक को दी गई मंजूरीःकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और विभिन्न अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक चल रही है।राज्यसभा ने गुरुवार को चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के प्रस्ताव वाले ‘राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक-2019’ को मंजूरी दे दी थी।
निचले सदन में ली जाएगी मंजूरीः विधेयक में चिकित्सा क्षेत्र एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के नियमन के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद की जगह एनएमसी के गठन का प्रस्ताव है।वैसे तो इस विधेयक को लोकसभा की मंजूरी मिल गई है लेकिन दो नए संशोधनों के कारण इसे अब फिर निचले सदन में भेजकर उसकी मंजूरी ली जाएगी।
National Hindi News, 02 August 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
विधेयक के खिलाफ लगे नारेःएम्स, आरएमलएल अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और एलएनजेपी अस्पताल समेत कई सरकारी अस्पतालों के सैकड़ों चिकित्सकों ने काम का बहिष्कार किया, मार्च निकाले और विधेयक के खिलाफ नारे लगाए।एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों और स्रातक की पढ़ाई कर रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के कारण गुरुवार सुबह रिंग रोड पर यातायात बाधित हो गया।
हिरासत में लिए गए डॉक्टरःपुलिस ने उन्हें संसद की ओर मार्च करने से रोक दिया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) से जुड़े डॉक्टरों के एक अन्य समूह ने आरएमएल अस्पताल से संसद तक मार्च करने की योजना बनाई थी।
डॉक्टरों को संसद जाने से रोकाःफोर्डा के महासचिव डॉ. सुनील अरोड़ा ने दावा किया कि डॉक्टरों को संसद की ओर जाने से रोक दिया गया। मरीजों को हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी जिसके कारण कुछ मरीज घर लौट गए और कुछ ने काफी समय तक इंतजार किया।लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल, बी आर अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, डीडीयू अस्तपाल तथा संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी काम का बहिष्कार किया और हड़ताल में शामिल हो गए।राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में नियमित सेवाएं बाधित होने के कारण आकस्मिक योजनाएं लागू की गई हैं।