पुलिस महानिदेशक (जेल) यशपाल सिंघल ने कहा कि इस समय प्रदेश की जेलों में लगभग 19 हजार कैदी है, जबकि इन जेलों में 18094 कैदियों को रखने की क्षमता है। प्रदेश के पानीपत तथा रेवाड़ी जिला में नई जेल भवन बनाया जा रहा है। इन दोनों कारागारों में एक-एक हजार कैदियों को रखने की क्षमता रहेगी। प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे कैदियों को विभिन्न प्रकार के हुनर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि सजा पूरी होने के बाद ये लोग समाज की मूलधारा में शामिल हो सके।
पुलिस महानिदेशक (जेल) यशपाल सिंघल ने बीते दिन जींद जिला की कारागार का दौरा कर कैदियों की समस्याएं सुन रहे थे। इस मौके पर प्रवर पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद भी उनके साथ थे। डीजीपी ने जेल में मोटर साईकिल रिपेयर सेंटर का शुभारम्भ भी किया। महिला कैदियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन का काम कैदियों को सही तरीके से रहने की व्यवस्था करना है।
सजा का निर्धारण जेल प्रशासन द्वारा नहीं किया जाता। यह कार्य न्यायपालिका का है। जेलों में सजा काट रहे लोगों को समाज की मूलधारा में शामिल करने के लिए उन्हें हुनर से जोडना प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन जेलों में क्षमता से अधिक कैदी है उन्हें अन्य जिला की जेलों में शिफ्ट कर दिया जाता हैं।
उन्होंने कैदियों की समस्याएं भी सुनी। एक 60 वर्षीय महिला कैदी ने कहा कि वह निर्दाेष है। उसे बेवजह जेल में डाला गया। इस पर डीजीपी ने कहा कि जेल प्रशासन का कार्य कैदियों को बेहतर सुविधाएं देना है।