कई फर्जी मुठभेड़ मामलों में आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा ने आज एक विवाद शुरू कर दिया जब उन्होंने अपने समर्थकों द्वारा सूरत में आयोजित एक रैली में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर खिलौना पिस्तौल लगी माला डाली।

घटना को लेकर कांग्रेस और साथ ही पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं। पीएएएस के सदस्यों ने वंजारा के आयोजन स्थल से जाने के बाद प्रतिमा से माला हटायी।

इशरत जहां, सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति के कथित फर्जी मुठभेड़ों में मुख्य आरोपी हैं। वह रैली में शामिल होने के लिए सूरत गए थे। रैली से पहले उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर जो माला डाली उसमें एक कलम और एक खिलौना पिस्तौल लगा हुआ था।

यह पूछे जाने पर कि इस तरह की माला डालने का औचित्य क्या है, वंजारा ने संवाददाताओं से कहा कि यह आजादी के बाद सैकड़ों रियासतों को एकीकृत करने में पटेल के योगदान के प्रति ‘‘प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि’’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल ने 665 से अधिक रियासतों को आजादी के बाद भारतीय संघ में मिलने के लिए रजामंद किया। हालांकि अधिकतर राज्य मान गए और विलय कर लिया, जूनागढ़ और हैदराबाद ने विरोध किया। इस स्थिति में सरदार ने अपना कलम एक तरफ रखते हुए बंदूक का सहारा लिया।’’
वंजारा ने कहा कि माला में लगी कलम ‘‘बुद्धि’’ का जबकि पिस्तौल ‘‘ताकत’’ का प्रतीक है।