500 और 1 हजार रुपए के नोट बंद होने 44 दिन बाद भी लोगों को नई करंसी नहीं मिल रही है। पहले जहां केवल नई करंसी नहीं होने के चलते लोगों परेशान थे, वहीं गुरुवार को कई शाखाओं में नए नोट होने के बावजूद बैंक सर्वर में दिक्कत के चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ी कतार में लगे लोगों को राहत नहीं मिल सकी। सेक्टर- 62 की एसबीआइ शाखा के बाहर सर्वर डाउन होने का नोटिस चस्पा कर सारे काम रोक दिए गए। लोगों के पुराने नोट जमा होने से नए नोट मिलने तक का काम ठप पड़ गया। जबकि बैंक शाखा में नए नोट उपलब्ध थे। सर्वर में दिक्कत के चलते चेक तक क्लीयर नहीं हो सके। काफी देर तक सब्र करने के बाद कतार में लगे लोगों ने हंगामा किया। ऐसी दिक्कतें कई शाखाओं में रही। जबकि जिन शाखाओं में सर्वर संबंधी दिक्कतें नहीं थी, वहां पर नई करंसी ही नहीं थी। लिहाजा वहां कतार में लगे लोगों को दोपहर बाद लौटाया गया। लोगों ने आरोप लगाया कि इस सप्ताह पर्याप्त मात्रा में नकदी आने का दावा पूरी तरह से विफल रहा है। बैंकों में नकदी नहीं है और बाहर बड़ी संख्या में पकड़ी जा रही है।
बैंक अधिकारी जान बूझकर सर्वर की दिक्कत बताकर रकम चहेतों को देना चाह रहे हैं। हंगामा बढ़ने पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा- बुझाकर शांत कराया। वहीं, सेक्टर- 6, 12, 18, 22, 41, 40, 63 आदि इलाकों की बैंक शाखाओं में दोपहर बाद नकदी खत्म होने की जानकारी देकर लोगों को वापस भेजा दिया गया। सेक्टर- 62 के एसबीआइ शाखा के बाहर कतार में खड़े व्यक्ति का आरोप है कि बैंक अधिकारी जान बूझकर सर्वर में दिक्कत बताकर लोगों को परेशान कर रहे हैं।
वहीं बैंक अधिकारियों का तर्क है कि पिछले कई दिनों से सर्वर की गति काफी धीमी रही है। गुरुवार को कई बैंकों का सर्वर पूरी तरह से ठप हो गया था। बैंकों के अलावा मॉल, शोरूम समेत स्वाइप मशीन लगी दुकान संचालकों को भी सर्वर की दिक्कतों को लेकर परेशानी झेलनी पड़ी। नेटवर्क नहीं आने की वजह से मशीनें कार्ड डालने पर काम नहीं कर रही थी। इस वजह से कई एटीएम कार्ड धारकों के खातों से निकली रकम सामने वाले के खाते में नहीं पहुंची।