महाराणा प्रताप जयंती पर कुछ अज्ञात लोगों ने राजधानी दिल्ली में अकबर रोड के साइन बोर्ड से छेड़छाड़ कर दी। यहां साइन बोर्ड पर महाराणा प्रतप रोड का पोस्टर चस्पा कर दिया। रातोंरात लगाया गया यह पोस्टर सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने साइन बोर्ड से महाराणा प्रताप रोड के नाम का पोस्टर हटा दिया।

दिल्ली में अकबर रोड इसलिए की इसलिए भी खास पहचान है कि इसी रोड पर कांग्रेस कार्यालय है।बताया जा रहा है कि यह काम खुराफाती तत्वों का है, जिन्होंने महाराणा प्रताप जयंती पर उनके नाम का पोस्टर लगाया।पुलिस सीसीटीवी आदि के जरिए पोस्टर लगाने वाले शख्स का पता करने में जुटी है।अधिकारियों का कहना है कि यह शरारती तत्वों की करतूत है। मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद कार्रवाई की गई।

इससे पूर्व सफदरजंग एन्क्लेव के हुमायूंपुर में एक मकबरे को मंदिर के रूप में बदलने की घटना सामने आई थी। मकबरे को भगवा रंग में रंग दिया गया था।जिसके बाद सोशल मीडिया पर काफी हंगामा मचा था। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर अमित कुमार के मुताबिक 1920-30 के काग़ज़ात के हिसाब से हुमायूंपुर में संबंधित स्थल मकबरा है लेकिन हमारे लिए यह 500 साल पुरानी आकृति बहुत खास है।बता दें कि देश के वीर शासकों में गिने जाने वाले मेवाड़ सम्राट महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर के बीच 18 जून, 1576 ई. को हल्दीघाटी का विनाशकारी युद्ध लड़ा गया था।हिंदुस्तान के इतिहास के अकेले राजपूत राजा थे,जिन्होंने घास की रोटी खानी मंजूर की मगर मुगलों के आगे झुकना नहीं।