मयूर विहार फेज 1 के पॉकेट चार में रहने वाले पायलट भव्य सुनेजा (31 वर्षीय) की सोमवार को इंडोनेशिया में हुए विमान हादसे में मौत हो गई। दसवीं तक मयूर विहार के एल्कॉन पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी रहे भव्य पांगकलपिनांग जा रहे लॉयन एअर के विमान जेटी 610 के कैप्टन थे जो जकार्ता के सुकर्णो हत्ता अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरने के 13 मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में 188 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे।
भव्य की शिक्षिका रहीं नोरिन शर्मा ने बताया कि अभी तो उसके जीवन ने ‘उड़ान’ भरनी शुरू ही की थी कि यह हादसा हो गया। नोरिन के मुताबिक जनवरी 2017 में भव्य की शादी हुई थी। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के सदस्य जकार्ता के लिए रवाना हो गए हैं। कक्षा 7 से 10 तक भव्य को हिंदी पढ़ाने वालीं नोरिन ने बताया कि वह बहुत ही सरल और सीधे स्वभाव का बच्चा था। शरारतों से बहुत दूर रहने वाला भव्य बेशक कक्षा के शीर्ष छात्रों में शामिल नहीं था लेकिन पायलट बाकी पेज 8 पर बनने में उसने बहुत मेहनत की। नोरिन के मुताबिक भव्य को हिंदी विषय में बहुत परेशानी होती थी और यही वजह रही कि उन्हें मुझसे भी डर लगता था। अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीएम) में उनके घर से जो भी आता, वह यही बात कहता कि भव्य को सिर्फ आपसे डर लगता है और किसी से नहीं। उन्होंने बताया कि उनकी बहन रोहानी सुनेजा भी हमारे स्कूल से ही पढ़ी हैं। साल 2005 में उन्होंने दसवीं पास की थी और किसी बोर्डिंग स्कूल में दाखिला ले लिया था। उन्होंने एल्कॉन पब्लिक स्कूल में नर्सरी कक्षा में प्रवेश लिया था।
जकार्ता में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि जकार्ता के समुद्रतट के पास सोमवार को लॉयन एअर विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के साथ हमारी गहरी संवेदना है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जेटी 610 विमान को लेकर उड़ान भर रहे भारतीय पायलट भव्य सुनेजा की भी जान चली गई। दूतावास क्राइसिस सेंटर के साथ संपर्क में है और हरसंभव सहायता के लिए तालमेल कर रहा है। एअरलाइन ने एक बयान में कहा कि विमान में 178 वयस्क यात्री, एक बच्चा और दो नवजात थे। विमान के कैप्टन सुनेजा थे और सह-पायलट हरविनो थे। इसमें चालक दल के छह सदस्य थे जिनमें तीन प्रशिक्षु थे। एक तकनीकी कर्मी भी विमान में सवार था।