देहरादून में पुलिस ने गुरुवार देर रात रेलवे स्टेशन पर सांप्रदायिक झड़प और तोड़फोड़ के मामले में शुक्रवार को 100 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया। देहरादून पुलिस ने कहा कि बजरंग दल नेता विकास वर्मा और आज़ाद समाज पार्टी के नेता आसिफ़ क़ुरैशी के नेतृत्व में शामिल लोगों ने हिंसा और तोड़फोड़ किया। पुलिस ने विकास वर्मा को भी हिरासत में लिया, जिससे उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ने क्या कहा?
अधिकारियों ने कहा कि यह हिंसा उत्तर प्रदेश के बदांयू के एक युवक और एक नाबालिग लड़की के बीच अंतरधार्मिक रिश्ते का नतीजा थी। लड़की अल्पसंख्यक समुदाय से है और उसके बदांयू में लापता होने की सूचना मिली थी और उसे सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने पाया था। पुलिस ने कहा कि नाबालिग लड़की को अब उसके परिवार के पास वापस भेज दिया गया है। उस व्यक्ति को बिना किसी आरोप के छोड़ दिया गया है। FIR के अनुसार आसिफ़ क़ुरैशी और विकास वर्मा के नेतृत्व में दो समुदायों के सदस्य रेलवे स्टेशन पर इकठ्ठा हुए। टकराव बढ़ गया, वस्तुएं फेंकी गईं और खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया।
देहरादून के एक SHO की शिकायत के आधार पर एफआईआर में कहा गया है, “हमने दोनों पक्षों को रुकने की चेतावनी दी, लेकिन कुछ उपद्रवियों ने पार्सल घर के पास खड़े दोपहिया वाहनों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और उनमें आग लगाने का प्रयास किया। यहां तक कि हंगामे में पटेल नगर पुलिस स्टेशन की एक सरकारी एसयूवी भी क्षतिग्रस्त हो गई। जल्द ही स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशनों से अतिरिक्त बल भेजा गया। आठ दोपहिया वाहनों और एक पुलिस वाहन को तोड़ दिया गया।”
दिल्ली में शख्स ने अपनी 4 बेटियों के साथ किया सुसाइड, एक साल पहले पत्नी की कैंसर से हो चुकी मौत
आसिफ़ क़ुरैशी ने दावा किया कि लड़की नाबालिग है और उनका समूह उसे उसके परिवार के पास वापस भेजना चाहता है। उन्होंने दावा किया, “हिंदू संगठनों ने दावा किया कि लड़की नाबालिग नहीं थी और अपने परिवार के पास वापस जाने के बजाय, उसे ‘घर वापसी’ करने की अनुमति दी जानी चाहिए और नारे लगाने लगे। जल्द ही कई मुस्लिम भी वहां इकठ्ठा हो गए। स्थिति तब हिंसक हो गई जब किसी को वीडियो बनाते देखा गया। हिंदू पक्ष ने एक व्यक्ति को वीडियो बनाते देखा और उन्होंने उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया। मुसलमानों ने भी सोचा कि वे हममें से किसी को पीट रहे हैं और स्थिति हिंसक हो गई। जल्द ही पथराव शुरू हो गया।”
बजरंग दल के सदस्य अंशुल डोरा ने कहा कि वे केवल यही चाहते थे कि उस व्यक्ति को पुलिस रिहा कर दे क्योंकि उसकी कोई गलती नहीं थी और कहा कि लड़की अपनी मर्जी से देहरादून आई थी। अंशुल डोरा ने कहा मौके पर मौजूद मुस्लिम मांग कर रहे थे कि उसे सजा दी जानी चाहिए।
