उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित दारूम उलूम ने मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नेल पॉलिश के इस्तेमाल और नाखून काटने को लेकर एक फतवा जारी किया है। दारूल उलूम के लिए नेल पॉलिश गैर इस्लामिक और मेहदी इस्लामिक है। दारूल उलूम ने कहा कि नेल पॉलिश की जगह महिलाओं को मेंहदी का इस्तेमाल करना चाहिए। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, दारूल उलूम देवबंद के मुफ्ती इशरार गौरा ने कहा कि, “दारूल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं द्वारा नेलपॉलिश के इस्तेमाल को लेकर फतवा जारी किया है क्योंकि यह गैर-इस्लामिक है। इसके बदले महिलाओं को मेंहदी का इस्तेमाल करना चाहिए।” यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का फतवा जारी किया गया है। इससे पहले कहा गया था कि सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करना इस्लाम में प्रतिबंधित है। मुसलमानों को सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म जैसे फेसबुक, टि्वटर, वाट्सएप पर तस्वीरें और सेल्फी पोस्ट नहीं करने को कहा गया था।

कुछ समय पहले दारूल उलूम ने एक विचित्र फतवा जारी करते हुए कहा था कि वैक्सिंग और शेविंग को शरिया में जायज नहीं माना गया है। देवबंद ने अपने एक लिखित फतवे में कहा था कि वैक्सिंग के जरिए शरीर से बाल साफ करना खिलाफ ए अदब है। नाभी के नीचे के हिस्से, बगल और मूछ के अलावा शरीर के किसी अन्य हिस्से से बाल हटवाना शरिया के तहत सही नहीं माना गया है।

महिलाओं को लेकर भी कुछ समय पहले एक और फतवा जारी किया गया था। इस फतवे में कहा गया था कि महिलाओं के लिए गैर-मर्दों के हाथों से चूड़ी पहनना (दुकान पर)  इस्लाम के खिलाफ है। यह एक पाप है। मुस्लिम महिलाओं को किसी अंजान व्यक्ति से मेंहदी भी लगावना गैर इस्लामिक है। यह भी शरिया के तहत सही नहीं है। बता दें कि दारूम उलूम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यह एशिया का सबसे बड़ा मदरसा है। अपने विवादित फतवे की वजह से यह अक्सर चर्चा में रहता है।