मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में दलित समुदाय की बलाई जाति के दूल्हे ने बृहस्पतिवार शाम पुलिस सुरक्षा के बीच भगवान राम के मंदिर में दर्शन किये। बलाई जाति के एक संगठन का आरोप है कि अगड़ी जाति के लोगों के दबदबे के कारण इस मंदिर में दलित समुदाय के व्यक्तियों के प्रवेश पर पिछले कई बरसों से अघोषित पाबंदी लगी थी। चश्मदीद लोगों ने बताया कि इंदौर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर औरंगपुरा गांव में अजय मालवीय (22) की बारात पुलिस की सुरक्षा तले निकली और दूल्हे ने राम मंदिर में दर्शन किये। मालवीय एक निजी फर्म में काम करते हैं। अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) राम कुमार राय ने “पीटीआई-भाषा” को बताया कि मालवीय की बारात निकलने और राम मंदिर में उनके दर्शन के दौरान औरंगपुरा गांव में पुलिस की तैनाती कर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये गये थे।
एसडीओपी ने दावा किया कि मालवीय की बारात निकलने के दौरान गांव में हालात शांतिपूर्ण बने रहे। राम मंदिर में दर्शन के मामले में बलाई समुदाय के संगठन अखिल भारतीय बलाई महासभा की ओर से बेटमा पुलिस थाने में कल बुधवार को बाकायदा लिखित आवेदन दिया गया था। इसमें कहा गया था, “औरंगपुरा गांव में उच्च जाति के लोगों का बाहुल्य है और यह गांव जातिगत भेदभाव का प्रतीक रहा है। गांव के राम मंदिर में दलित समुदाय के किसी भी व्यक्ति का प्रवेश निषेध है।’’ आवेदन में पुलिस को यह भी सूचित किया गया था कि औरंगपुरा गांव में दलित समुदाय के एक दूल्हे की वर निकासी (बारात) के दौरान “विकृत मानसिकता” के कुछ लोगों द्वारा पहले भी विवादित स्थिति निर्मित की जा चुकी है। लिहाजा मालवीय की बारात निकलने के दौरान पुलिस सुरक्षा मुहैया करायी जाये, ताकि दूल्हा राम मंदिर में दर्शन कर सके।
इस बीच, दूल्हे के बड़े भाई धर्मेन्द्र मालवीय (32) ने कहा, “जब से मैंने होश संभाला, मैंने अपने समुदाय के किसी भी व्यक्ति को हमारे गांव के राम मंदिर में दर्शन करते नहीं देखा। इस बार हमने तय किया कि मेरा छोटा भाई उसकी शादी के दौरान इस मंदिर में दर्शन जरूर करेगा।” उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में उनकी शादी के दौरान बारात निकलते समय जब वह दूल्हे के रूप में घोड़े पर सवार थे, तब गांव के कुछ लोगों ने बारातियों पर कथित रूप से पथराव किया था।