पांच नदियों के संगम स्थल पंचनदा के इटावा जिले में यमुना,चंबल, क्वारी सिंधु और पहुज जैसी नदियां बदहाल हैं। इस पर कई बार चिंता जताई जा चुकी है लेकिन अभी तक इनके उद्धार के लिए कोई कारगर योजना नहीं बन सकी हैं।
यमुना नदी
इटावा में यमुना नदी हाल बुरा होता जा रहा है। इस नदी के जल से कभी राजतिलक किया जाता था लेकिन आज इसे कोई छूना भी पसंद नहीं कर रहा। वजह साफ है कि यमुना इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि वह एक नदी न होकर कचरे का नाला बनकर रह गई है। कई बार चिंता जताने के बावजूद सुधार की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। जापान सरकार की सहायता से यमुना नदी के प्रदूषण को दूर करने के लिए अरसे पहले देश में यमुना एक्शन प्लान बड़ी जोर-शोर से चलाया गया था। फिर यमुना मैली ही है।
चंबल नदी
बीहड़ी इलाके से प्रवाहित होने वाली चंबल नदी के साफ पानी की कई मिसालें लगातार दी जा रही हैं। इस नदी से हजारों लोगों की जीवन चर्चा जिंदा है। साल 2008 के आखिर दिनों में आई आपदा ने दौ सौ से अधिक घड़ियालों के अलावा 12 मगरमच्छों और छह डाल्फिनो को मौत की नींद मे सुला दिया था। जलचरों पर आपदा इससे पहले ना तो देखी गई और ना सुनी गई थी। देश-विदेश के सैकड़ों विशेषज्ञों ने चंबल मे आकर कई किस्म के परीक्षण किए लेकिन आज तक नतीजे सामने नहीं आ सके हैं। उस समय विशेषज्ञों ने राय दी थी कि चंबल का पानी जहरीला हो गया है।
क्वारी नदी
चंबल यमुना की तरह क्वारी नदी भी चंबल इलाके के लोगों के लिए जीवन रेखा है। लेकिन इसे पानी माफिया ने बर्बाद कर दिया है। क्वारी नदी के पानी का मध्य प्रदेश के किसान ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, तभी तो उत्तर प्रदेश के किसानों में त्राहि त्राहि मची हुई है। क्वारी नदी करीब 10 साल में पूरी तरह से सूख गई है। कुछ ऐसी ही दयनीय हालात में इटावा की अन्य नदियां भी हैं क्योंकि आम दिनों में थोड़े बहुत पानी वालीं सेंगर, अहनैया, सिरसा, अरिंद और पांडु नदियों का हाल भी खराब है।
संजीव चौहान, सोसायटी फॉर कंजरवेशन आॅफ नेचर
यमुना नदी में अब पानी तो रहा ही नहीं हैं, इस वजह से इसमें पाए जाने वाले जलचरों को भारी नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता है। कभी यमुना नदी में इतना पानी रहता था कि तमाम मछलियां इसमें मिल जाती थीं लेकिन आज स्थिति उलट है।
अखिलेश यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष
दुर्गम बीहड़ी इलाकों बहने वाली चंबल नदी का पानी यदि इटावा में यमुना नदी में ना मिले तो यमुना नदी सूखी हुई नजर आएगी।
आंनदेश्वर गिरि महाराज, हनुमानगढ़ी
इटावा में यमुना नदी की दुर्दशा का आलम लंबे समय से नजर आ रहा है। हनुमानगढ़ी से यमुना नदी की बदहाली को कायदे से देखा जाता है। यमुना नदी में इतनी गंदगी है कि उसके पानी को छूने की हिम्मत किसी की भी नहीं होती है।