झारखंड के बोकारो में मंगलवार को उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब किसी अज्ञात शख्स ने बीच सड़क पर जानवर का मांस फेंक दिया है।  यह मामला बोकारो के छास इलाके का है। जानकारी के मुताबिक इस बात की जानकारी फैलते ही 100 के करीब लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और सड़क जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांस के टुकड़ों को गाय का मांस (गौमांस) होने का आरोप लगाया। पुलिस का कहना है कि फिलहाल हालत काबू में है।

बोकारो के पुलिस अधीक्षक वाईएस शर्मा ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। फिलहाल हिंसा जैसी कोई स्थिति नहीं है। वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि मांस फेंके जाने की इस घटना के बाद लोगों ने पथराव करने के साथ टायरों को आग लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आगे कहा कि इस दौरान ट्रैफिक थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुआ, स्थिति सामान्य होने में करीब करीब आधे घंटे लगे। निगरानी के लिए पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया है।

बोकारो के डिप्टी कमिश्नर महीमपत राय ने कहा कि भीड़ द्वारा किए गए पथराव में एक पुलिसकर्मी  घायल हो गया है। उन्होंने कहा कि भीड़ को काबू करने के लिए बल प्रयोग नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह पूरा सामने आया, उसको देखकर ऐसा लगता है कि अराजक तत्वों द्वारा त्योहार के दौरान माहौल खराब करने और शांति भंग करने के लिए नीयत से ऐसा किया गया हो। बता दें कि इससे पहले रामनवमी पर अप्रैल में रामनवकी पर दंगे भड़के थे।

बोकारो में अप्रैल में रामनवमी के अवसर पर निकले जुलूस पर पथराव किया गया था, जिसके बाद शहर में हिंसा भड़क गई थी। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों के बैरेकेडिंग तोड़कर जुलूस को रोक दिया था। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। रास्ता रोकने वालों ने इस दौरान जुलूस पर पथराव कर दिया। हिंसा और तनाव को देखते हुए बोकरो शहर में चार जगहों पर कर्फ्यू लगाया था।