आम आदमी पार्टी के विधायक और पार्टी के गुजरात मामलों के प्रभारी गुलाब सिंह यादव को जबरन वसूली के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने विधायक से हिरासत में पूछताछ की पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया। यादव को गुजरात में गिरफ्तार किया गया था और ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया गया। उन्हें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रट किशोर कुमार के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने दिल्ली के मटियाला से विधायक सिंह की पांच दिन की हिरासत की मांग करते हुए कहा था कि उन्हें विधायक से पूछताछ करनी होगी क्योंकि ऐसा लगता है कि जबरन वसूली करने वाला एक संगठित गिरोह चल रहा था। यादव के वकील ने पुलिस की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मामले में अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत दी जा चुकी है। पिछले महीने दो प्रोपर्टी डीलरों दीपक शर्मा और रिंकू दीवान ने आरोप लगाया था कि यादव के कार्यालय में काम करने वाले सतीश व देवेंद्र और उनके एक साथी जगदीश उस भवन को गिराने की धमकी देकर जबरन वसूली कर रहे हैं जहां से प्रॉपर्टी डीलर अपना काम करते हैं।


बीते 13 सितंबर को बिंदापुर थाने में आइपीसी की धारा 384 के तहत एक मामला दर्ज किया गया। इसके बाद कथित तौर पर जांच में शामिल नहीं होने पर विधायक के खिलाफ 14 अक्तूबर को एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। पुलिस ने आरोप लगाया था कि विधायक को जबरन वसूली गिरोह चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और गिरफ्तारी के लिए उनके खिलाफ ठोस सबूत हैं। पुलिस का आरोप है कि जांच और गिरफ्तार किए गए आरोपियों के बयान से खुलासा हुआ कि जबरन वसूली का संगठित गिरोह चल रहा है जिसके तार यादव से जुड़े हैं और वह इसके मुखिया हैं।