दिल्ली के उपभोक्ता फोरम ने एक बच्ची के आंख के उपचार में लापरवाही बरतने के मामले में प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान एम्स को बच्ची के माता पिता को एक लाख रुपए अदा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एन के गोयल की अध्यक्षता वाली ‘दक्षिण दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंच’ की पीठ ने अस्पताल को हरियाणा की रहने वाली बेबी प्रियंका के माता पिता को रकम भुगतान करने का निर्देश दिया है और यह उल्लेख किया है कि बच्ची की बाईं आंख में कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए तीन बार की गई सर्जरी बिना किसी समुचित देखभाल और सावधानी के की गई, जिसके कारण यह ऑपरेशन हर बार असफल रहा।
फोरम ने कहा, ‘बच्ची की बाईं आंख में लगातार तीन बार कॉर्निया प्रत्यारोपण के ऑपरेशन का असफल होना यह दिखाता है कि एम्स के डॉक्टरों ने मरीज का सही उपचार नहीं किया, जिसकी वहां के चिकित्सकीय विशेषज्ञों से उम्मीद थी और डॉक्टरों की लापरवाही का ही नतीजा था कि कॉर्निया प्रत्यारोपण सफल नहीं हो पाया।’ उन्होंने बताया, ‘इसलिए हमने विरोधी पक्षों (एम्स और उसके डॉक्टरों) को सेवा में कमी का दोषी पाया है।’ उन्होंने कहा कि इसी कारण हम एम्स को पीड़ित के माता पिता को एक लाख रुपए के मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश देते हैं। बहरहाल, एम्स ने इन आरोपों से इनकार किया है।