तीन तलाक के मुद्दे पर राजनीति सरगर्म है। कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता शकील अहमद और राशिद अल्वी ने इस मुद्दे पर केंद्र को आड़े हाथों लिया है। दूसरी ओर, वामपंथी पार्टियों ने कुछ सवाल उठाए हैं, लेकिन इस एजंडे को लेकर वे सरकार के दृष्टिकोण के साथ हैं। कांग्रेस के महासचिव शकील अहमद ने कहा कि तीन तलाक को लेकर सभी पक्षों से बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं को पहले से कई अधिकार मिले हुए हैं। उन अधिकारों के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उधर, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सरकार की कवायद को उत्तर प्रदेश के चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि सरकार कानून बनाएगी कैसे? उसके पास तो राज्यसभा में बहुमत भी नहीं है। उधर, वामपंथी पार्टियों ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं, हिंदुओं समेत सभी समुदायों के पर्सनल लॉ में सुधार होना चाहिए। माकपा ने एक बयान में सरकार के हलफनामे को लेकर कहा, ‘हिंदु महिलाएं भी भेदभाव का शिकार होती रही हैं। गोद लेने का अधिकार, संपत्ति का अधिकार और जीवनसाथी चुनने के अधिकार को लेकर भी उनके साथ भेदभाव किया जाता है।’