ओड़ीशा के भवानीपाटन में कांग्रेस समर्थकों ने शुक्रवार को जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय का घेराव कर दाना माझी के परिवार को दस लाख रुपए अनुग्रह राशि देने की मांग की। मांझी वही शख्स है, जिसे अपनी पत्नी का शव कंधे पर लाद कर दस किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा था। क्योंकि अस्पताल ने उसे एंबुलेंस देने से कथित रूप से इनकार कर दिया था। कालाहांडी जिला कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी समर्थकों ने हिस्सा लिया और शव को अस्पताल से उसके गांव तक ले जाने के लिए वाहन कथित रूप से मुहैया नहीं कराने को लेकर प्रशासन की आलोचना की।

जिला कांग्रेस सचिव सामंत खामरी ने कहा कि अनुग्रह राशि के अलावा मामले की निष्पक्ष जांच, इसके लिए जिम्मेदार लोगोंं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और माझी की 12 वर्षीय बेटी के लिए शिक्षा की समुचित व्यवस्था की मांग की गई है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से माफी की मांग करते हुए आरोप लगाया कि बीजद सरकार द्वारा राज्य में शुरू की गई सभी कल्याणकारी योजनाएं विफल रही हैं और गरीबों को उनका लाभ नहीं मिला है। बुधवार को दाना माझी को अपनी पत्नी का शव कंधे पर लाद कर 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था, क्योंकि अस्पताल ने उन्हें शव ले जाने के लिए वाहन मुहैया कराने से कथित रूप से मना कर दिया था। माझी की बेटी भी उनके साथ थी।