योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल नंदी रविवार को फतेहपुर सीकरी में हजरत सलीम शेख चिश्ती की दरगाह पर गए। नंदी ने वहां पर चादर चढ़ाई और मन्नत भी मांगी। योगी के मंत्री ने इस दौरान फतेहपुर सीकरी के स्मारकों अनुप तालाब, ज्योतिष छतरी, दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम, टकसाल, जोधाबाई पैलेस, ख्वाबगाह, टर्की सुल्ताना, पंच महल, मरियम पैलेस और वीरबल पैलेस को देखा। नंदी यहां की नक्काशी को देख कर प्राभावित हुए इस दौरान नंदी ने वहां पर कुछ तस्वीरें भी खिंचवाईं।
अक्सर आए दिन बड़े नेता या फिल्म अभिनेता या फिर अन्य सेलिब्रिटी फतेहपुर सीकरी में हजरत सलीम शेख चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाते देखे जाते हैं। आखिर कौन थे हजरत सलीम शेख चिश्ती? हरकोई एक बार ये जरूर सोचता है। हालांकि फतेहपुर सीकरी में हजरत सलीम चिश्ती के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। तो हम आपको बताएंगे कि कौन थे हजरत सलीम शेख चिश्ती और वो इतने प्रसिद्ध क्यों हुए?
कौन थे हजरत सलीम शेख चिश्ती
हजरत सलीम शेख चिश्ती अजमेर के ख्वाजा मुईनुद्दी चिश्ती के पौत्र थे 16वीं शताब्दी के दौरान मुगल कालीन के तीसरे बादशाह अकबर के शासन काल में हजरत सलीम शेख चिश्ती का नाम सुर्खियों में आया था। शेख सलीम चिश्ती एके सूफी संत थे उन्होंने मुगल सम्राट अकबर को पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था। हजरत सलीम शेख चिश्ती ने अकबर के बेटे को आशीर्वाद दिया था कि भविष्य में सलीम जहांगीर के नाम से पहचाना जाएगा। और ये भी कहा था कि बादशाह सलामत का ये बेटा ही मेरी मौत का का कारण बनेगा।
अकबर को दिया था पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद
जब बादशाह अकबर की कोई संतान जीवित नहीं बच रही थी तब एक दिन बाबा सलीम चिश्ती अकबर के स्वप्न में आए और उन्हें बताया कि वो बाबा सलीम चिश्ती के पास जाएं और आशीर्वाद लें उन्हें संतान की प्राप्ति होगी। इसके बाद अकबर ने वैसा ही किया और अकबर की महारानी मरीयम-उज्-जमानी से उन्हें पुत्र प्राप्ति हुई। बादशाह अकबर ने बाबा के नाम पर ही अपने पुत्र का नाम भी सलीम रखा।
अकबर ने बाबा के स्थान पर बनाई राजधानी
साल 1573 में अकबर ने इस क्षेत्र पर विजय पाई और इस इलाके का नाम फतेहपुर सीकर रख दिया। बाबा सलीम चिश्ती के सम्मान में ही बादशाह अकबर ने यहां पर बुलंद दरवाजा बनवाया था। उसके बाद अकबर ने फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी भी बनायी। यहां पर बादशाह अकबर का महल भी है जो कि भारत सरकार के पुरातत्त्व संरक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है।
हजरत सलीम शेख चिश्ती ने की थी अपनी मौत की भविष्यवाणी
लेखिका पार्वती शर्मा की जहांगीर पर लिखी गई किताब ‘एन इंटिमेट पोट्रेट ऑफ ए ग्रेट मुगल जहांगीर’ में इस बात का जिक्र है कि हजरत सलीम शेख चिश्ती ने अकबर को बताया था कि जब शहजाद सलीम (जहांगीर) किसी चीज को पहली बार याद कर उसे दोहराएंगे, उसी के बाद मेरी मौत हो जाएगी। और शेख सलीम चिश्ती की मौत ठीक ऐसे ही हुई थी। इस भविष्यवाणी के चलते अकबर ने काफी समय तक सलीम को पढ़ाई से दूर रखा था। एक दिन सलीम ने किसी की बोले हुए शब्दों को दोहरा दिया जिसके बाद शेख सलीम चिश्ती की तबीयत खराब हुई और कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई।
