तेलंगाना की राज्य सरकार पवित्र रमजान महीने में इफ्तार पार्टी के आयोजन की घोषणा कर निशाने पर आ गई है। आरोप है कि सरकार इफ्तार पार्टी के लिए करीब 15 करोड़ रुपए सरकारी खजाने से खर्च करने जा रही है। स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार ने आठ जून को करीब आठ हजार मुस्लिमों को इफ्तार कराने की घोषणा की है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी तेज हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार सरकारी खजाने का इस्तेमाल वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि राज्य सरकार को तुंरत इफ्तार पार्टी के आयोजन पर रोक लगानी चाहिए। वहीं बेंगलुरु मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने राज्य की करीब 800 मस्जिदों की पहचान की हैं जहां बड़े पैमाने पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाएगा। मस्जिदों में होने वाली दावत-ए-इफ्तार पार्टी में गरीबों को इफ्तार कराया जाएगा।

मिरर के ही हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार की योजना हैदराबाद के एलबी स्टेडियम में जून के दूसरे शुक्रवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन करने की है। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव खुद मौजूद होंगे। इसके अलावा मस्जिदों में गरीबों को तीन जोड़े कपड़े उपहार के रूप में देने की बात भी सामने आई है। कपड़ों की पूर्ति के लिए सरकार ने तेलंगाना हैंडलूम एंड बुनकर कॉर्पोरेशन सोसायटी से भी संपर्क साधा है। रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिदों में इफ्तार पार्टी के आयोजन के लिए सरकार हर मस्जिद को करीब एक लाख रुपए का अनुदान देने वाली है।

स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक रकम 31 मई को ही मस्जिदों को दी जा चुकी है। इसके लिए सरकार ने कुल 21 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। गौरतलब है कि कार्यक्रम का आयोजन राज्य के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली की निगरानी में किया जा रहा है। उन्होंने 28 मई को इस संबंध में मीटिंग भी की है। मीटिंग में इफ्तार के दौरान कानून व्यवस्था पर भी बातचीत हुई।