राजधानी के बाल संरक्षण गृह में एक युवती गर्भवती पाई गई। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने अधीक्षिका को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शादाब फातिमा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया, मैंने मोती नगर स्थित बाल संरक्षण गृह की अधीक्षिका को निलंबित कर दिया। मैंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।’ उन्होंने बताया कि जांच प्रमुख सचिव (महिला कल्याण) करेंगे।

मामला मंगलवार (5 अप्रैल) को उस समय सामने आया, जब बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह को सूचना मिली कि तीन लड़कियों को बाल संरक्षण गृह से हटाया जा रहा है और उनमें से एक गर्भवती है। आयोग के अधिकारी जब संरक्षण गृह पहुंचे तो पता लगा कि सूचना सही थी और 22 साल की एक युवती को दो माह का गर्भ था। बाल संरक्षण गृह में 12 से 18 साल की अनाथ लड़कियां रह सकती हैं। हालांकि विवाह होने या रोजगार लगने के समय तक भी वे वहां रह सकती हैं। सरकार ने अब अधिकारियों से मामले की जांच करने के लिए कहा है।