तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव की गोद ली हुई बेटी प्रत्यूषा पढ़ाई छोड़कर अपने प्रेमी से शादी करना चाहती है। ऐसे में आंध्र प्रदेश के हाई कोर्ट ने तेलंगाना और आंध्रप्रदेश की पुलिस को यह तय करने का काम सौंपा है कि 29 साल का वह वेंकेट नाम का लड़का प्रत्यूषा के ‘लायक’ है या नहीं।
19 साल की प्रत्यूषा वही लड़की है जिसे सीएम राव ने पिछले साल 7 जुलाई को पूरे राज्य के सामने गोद लिया था। प्रत्यूषा हैदराबाद के एलबी नगर में रहती थी जहां उसकी सौतेली मां श्मामाला उसका शोषण करती थी। पिछले साल जिस वक्त यह मामला चंद्रशेखर राव के सामने आया था उस वक्त प्रत्यूषा के शरीर पर कई जगह घाव और काटे के निशान थे। प्रत्यूषा ने बताया था कि उसकी मां कई महीनों से उसे पीट रही थी। इसके बाद प्रत्यूषा के पिता राजेश कुमार और श्यामाला को पुलिस हिरासत में ले लिया गया था।
मामले पर हैदराबाद हाई कोर्ट की भी तब से ही नजर थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वंय संज्ञान लेते हुए प्रत्यूषा की जिम्मेदारी ले ली थी। तब ही सीएम चंद्रशेखर ने घोषणा की थी कि वह प्रत्यूषा को गोद लेकर उसकी देखभाल करेंगे। फिर सीएम चंद्रशेखर के घर पर लंच के दौरान प्रत्यूषा ने बताया था कि वह नर्स बनना चाहती है।
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इसके बाद सीएम चंद्रशेखर ने उसकी पढ़ाई का इंतजाम किया। फिर कुछ ऐंट्रेंस पास करने के बाद वह नर्स की ट्रेनिंग (MPHW) के लिए सिलेक्ट हो गई थी। पढ़ाई में कोई दिक्कत ना आए इसका ध्यान रखते हुए तेलंगाना सरकार ने प्रत्यूषा का एक नया बैंक अकाउंट खोलकर उसमें 6.5 लाख रुपए भी जमा करवा दिए थे। इसके साथ ही उस लंच में सीएम चंद्रशेखर ने वादा किया था कि सही वक्त आने पर वह खुद प्रत्यूषा की शादी करवाएंगे।
पढ़ाई के दौरान ही प्रत्यूषा को साइकिल की दुकान पर काम करने वाले वेंकेट से प्यार हो गया। हैदराबाद में रहने वाले वैंकेट ने बताया कि वह पहली बार हॉस्पिटल में ही प्रत्यूषा से मिला था। तब से ही दोनों में बातचीत होने लगी और फिर कुछ मुलाकातों के बाद दोनों में प्यार हो गया। वैंकेट ने फोटो खिंचवाने से मना कर दिया था।
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वहीं हैदराबाद हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने कहा, ‘कोर्ट ने प्रत्यूषा से अपनी पढ़ाई खत्म करने की गुजारिश की है, पर वह अपनी बात पर अटल है। हाईकोर्ट की तरफ से आंध्र प्रदेश सीआईडी को लड़के के परिवार के बारे में जरूरी जानकारी निकालने का काम सौंपा गया है। जानकारी आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।’