पंजाब में आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज नहीं हो रहा है। चंडीगढ़ पीजीआई ने इलाज बंद कर दिया है। पीजीआई का कहना है कि राज्य सरकार का 16 करोड़ रुपए बकाया होने की वजह से इलाज रोका गया है। वहीं, भगवंत मान सरकार का कहना है कि पैसा दे दिया गया है।

चंडीगढ़ पीजीआई में अब राज्य की जनता को फ्री इलाज की सुविधा नहीं दी जाएगी। 1 अगस्त 2022 से आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा को बंद कर दिया है। चंडीगढ़ पीजीआई का कहना है कि पंजाब सरकार का करीब 16 करोड़ रुपए बकाया होने की वजह से इलाज बंद किया गया है। दिसंबर 2021 से सरकार की ओर से पीजीआई को कोई भुगतान नहीं किया गया है, जिसकी वजह से फ्री इलाज की सुविधा को बंद किया गया है।

फ्री इलाज की सुविधा बंद: पीजीआई प्रशासन ने फिलहाल इस संदर्भ में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया है, लेकिन अधिकारियों के मौखिक आदेश का पालन किया जा रहा है। इमरजेंसी और दूसरी यूनिटों में पंजाब के एक भी मरीज को भर्ती कर इलाज नहीं दिया जा रहा है। इस मामले को लेकर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विभाग ने चंडीगढ़ में पीजीआईएम (PGIMER) और दूसरे सरकारी अस्पतालों के लंबित बकाए के भुगतान के लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने दिसंबर 2021 में बीमा योजना को रोक दिया था। वित्त विभाग ने 300 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जो आयुष्मान योजना के तहत लंबित हैं। स्वास्थ्य विभाग गुरुवार (4 अगस्त) को 100 करोड़ रुपये जारी करेगा। इसके बाद यह पीजीआई और सरकारी अस्पतालों को बकाया राशि जारी करना शुरू कर देगा।

वित्त मंत्री ने कहा योजना चल रही: पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि आयुष्मान भारत का समझौता पिछली सरकार ने दिसंबर में रद्द कर दिया था लेकिन हम इसे ट्रस्ट बोर्ड पर चला रहे हैं। योजना चल रही है, जारी रहेगी। इलाज से इनकार करने वाले किसी भी अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हालांकि, पीजीआई ने स्पष्ट किया कि संस्थान को पंजाब के लाभार्थियों को योजना के लाभ को रोकने के लिए विवश किया गया था क्योंकि लंबित राशि 15 करोड़ रुपए से ज्यादा थी।