आम जनता के लिए यह बेहद जरूरी है कि सरकारी अधिकारियों तक उनकी पहुंच आसान हो और लोग उन तक बिना किसी बाधा के अपनी परेशानियां पहुंचाकर उनका समाधान पा सकें। आम तौर पर ऐसा होता भी है, लेकिन चंडीगढ़ के डिप्टी कमिश्नर के साथ ऐसा नहीं है, जिनसे उनके चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित ऑफिस तक में मिल पाना मुश्किल है। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल में अहम खुलासा हुआ है।

बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन ने पब्लिक से संपर्क को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत सभी अधिकारियों को 12-1 के बीच में जनता से संपर्क करने में सहज होने का आदेश दिया था। निर्देश के मुताबिक जनता को असुविधा न हो, इसलिए कोशिश की जाए कि इस दौरान वे कोई जरूरी बैठक भी न करें।

इंडियन एक्सप्रेस की एक पड़ताल में रिपोर्टर सामान्य नागरिक के तौर पर लगातार एक हफ्ते तक दोपहर 12 से 1 बजे के बीच उनसे मिलने का ट्राई करती रहीं लेकिन अधिकारी महोदय से मुलाकात ही नहीं हो सकी। रिपोर्टर के मुताबिक उन्होंने अधिकारी के मिलने के काफी प्रयास किए, लेकिन डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह से मिलना आसान नहीं था।

पहले दिन 23 जनवरी को 12 बजे रिपोर्टर पहुंचीं, लेकिन डीसी वहां नहीं थे। जब इस बारे में जानकारी मांगी गई तो पता चला कि वो कार्यालय ही नहीं आए हैं। इसके बाद उनके ऑफिस के लोगों ने ‘कल आना’ कहकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। इसी तरह दूसरे दिन भी जब रिपोर्टर 11 बजकर 40 मिनट पर पहुंचीं, और अधिकारी के बारे में जानकारी मांगी तो पता लगा कि अभी वे आए ही नहीं है। वहीं उनके आने को लेकर ऑफिस के लोगों ने कोई जानकारी नहीं दी है। इसके बाद लोगों ने उनसे आधे घंटे बाद आने को कहा गया है। वहीं जब कर्मचारियों को कहा कि कल उन्होंने आज मिलने का आश्वासन दिया थआ, तो उन्होंने कहा कि क्या पता कि आएंगे कि नहीं। 12 बज गए थे, लेकिन फिर भी डीसी साहब नहीं आए थे।

किसी भी दिन नहीं हुई मुलाकात

तीसरे दिन की बात करें तो फिर वे कार्यालय में नहीं थे। 29 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस जब फिर ऑफिस पहुंचा तो पता चला कि कमिश्नर ऑफिस में तो हैं, लेकिन जनता से नहीं मिल रहे हैं। इसका कारण पूछा गया तो उन्होंन सीधे तौर पर कहा कि अब अगले बुधवार को आएं। इसके अलावा 30 जनवरी को डीसी मेयर चुनाव में व्यस्त थे। 31 जनवरी को भी उनसे मिलने की कोशिश की गई लेकिन वे नहीं मिले।

कई अहम पदों पर होते हैं डीसी

बता दें कि चंडीगढ़ में डिप्टी कमिश्नर के पास 9 अहम पद हैं। वे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेच के पद पर तो हैं ही, साथ ही एक्साइज, टैक्स, लेबर कमिश्नर, चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर भी काबिज हैं। जनता से जुड़े इन विभागों के चलते डिप्टी कमिश्नर तक जनता की पहुंच होना अहम है। इसके बावजूद इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्टर ने जब एक आम नागरिक के तौर पर उनसे मिलने की कोशिश की, तो वे नहीं मिल सके।

आरोपों पर क्या हैं डीसी का जवाब

जनता से दूर होने के सवालों पर जब डीसी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वे केंद्रशासित प्रदेश के सचिवालय में कई अधिकारियों के साथ रोज मिटिंग करते हैं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि मिलने का समय क्या था। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा कि 23 जनवरी को मेयर चुनाव से जुड़े मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई थी, इसलिए वे कोर्ट में थे। 24 जनवरी को रिपब्लिक डे फुल ड्रेस रिहर्सल थी, जिसके चलते उस दिन भी वे वहीं मौजूद थे। डीसी ने बताया कि 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को भी कई कार्यक्रम थे, जिसकी लिस्ट वे भेज देंगे। डीसी ने हर एक दिन के अपने काम का ब्योरा दे दिया।

वहीं जब उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वे अदालत में सुनवाई के दौरान मौजूद थे, तो उनका जवाब था कि वे कोर्ट में नही थे, लेकिन वकील से मिलने गए थे। यह दिखाता है कि अधिकारी महोदय लगातार अपने कामों का ब्योरा तो दे रहे हैं, लेकिन जब प्रशासन ने दिन का एक घंटा जनता से समस्या सुनने के लिए तय किया है, तो उस एक घंटे में भी उनके कई काम निकल आते है।