केंद्र और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान में आने वाले वक्त में ‘उबले हुए अंडे’ को लेकर तनातनी बढ़ सकती है। दरअसल, तीन महीने पहले केंद्र की तरफ से मध्यप्रदेश सरकार को लिखा गया था कि वह अपने यहां की आंगनवाड़ी और मिड-डे मील के लिए बनने वाले खाने में अंडे को भी शामिल कर लें, पर शिवराज शाकाहारी हैं इस वजह से अबतक ऐसा नहीं किया है। शिवराज सिंह इसपर पहले भी आपत्ति जता चुके हैं।
केंद्र की तरफ से इस बात के लिए 29 फरवरी को एक पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया था, ‘उबले हुए अंडे सेहत को अच्छा रखने के सस्ते साधन हैं जिनसे प्रोटीन मिलता है। यह बच्चों और गर्भवती मां, दोनों के लिए जरूरी भी होता है। इसलिए इसे लागू किया जाना चाहिए। जिससे कुपोषण पर लगाम लगाने की तरफ एक कदम और बढ़ाया जा सके।’
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इसके साथ ही केंद्र के इस पत्र में अंडे के और फायदे बताते हुए कहा गया कि इससे बीमारियों से लड़ने की ताकत भी मिलती है और अंडे का इस्तेमाल बढ़ने से इसकी पैदावार करने वाले लोगों को भी मुनाफा होगा।
बावजूद इसके, तीन महीने का वक्त बीतने के बाद भी अभी तक कुछ नहीं किया गया है। महिला एंव बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव जेएस कनसोठिया ने कहा, ‘पत्र पर अभी विचार किया जा रहा है, जैसे ही सीनियर्स की तरफ से कोई फैसला आएगा इसे लागू कर दिया जाएगा।’
वहीं, शाकाहारी सीएम शिवराज सिंह का इसपर विचार करने का कोई मूड नहीं लगता। उनके दफ्तर के एक अधिकारी ने कहा, ‘शिवराज सिर्फ एक पत्र के आ जाने से अपना फैसला मुश्किल ही बदलेंगे।’