तुमिलनाडु के चेन्नई में पुलिस और जानवारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपुल फॉर एनीमल (PFA) ने 16 बिल्लियों को कटने से बचा लिया है। बिल्लियों को उनका मीट निकालने के लिए पकड़ा गया था। पीएफए के एक वॉलेंटियर सागर सेठ बताया कि हमें जानकारी मिली थी नारीकोरावा समुदाय के द्वारा बिल्लियों को पकड़ा है। उन्होंने इस बात की जानकारी पल्लावरम पुलिस को दी। हमने उन्हें बताया कि कैसे बिल्लियों को पकड़ा गया है और फिर उन्हें मारकर उनका मीट निकाला जाएगा। बिल्ली के मीट को पल्लावर की सड़कों और उसके आसपास के इलाको  इस मीट का इस्तेमाल बिरयानी में किया जाता है। जिसके बाद पुलिस ने हमारी बात मानी और बिल्लियों को बचाने में हमारी मदद की।

रिपोर्ट के मुताबिक पीएफए के दो कार्यकर्ताओं ने बिल्लियों को मारने और फिर मीट की बिरयानी बनाने की जानकारी मिलने के बाद नारीकोरावा समुदाय के एक कपल से दोस्ती की। कार्यकर्ताओं ने उनसे पूछा कि कैसे वह लोग बिल्ली को पकड़ते हैं और उनका मीट निकालते हैं। इसके बाद उन्होंने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया और पुलिस को फुटेज दिखाया। जिसके बाद पुलिस उनकी बात मानते हुए मौके पर पहुंची और बिल्लियों को बचाया।

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शुक्रवार सुबह पुलिस और पीएफए वॉलेंटियर नारीकोरावा की बस्ती में पहुंचे। वहीं एक ही पिंजड़े में बंद सभी 16 बिल्लियों को आजाद कराया। उन लोगों ने बिल्लियों को पानी भी नहीं दिया था। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पल्लावरम पुलिस के इंस्पेक्टर ने बताया कि हमें शिकायत मिली थी आवासीय इलाकों से बिल्लियों को चुरा कर नारीकोरावा इलाके में पकड़ के रखा जा रहा है। जिसके बाद पीएफए के कार्यकर्ताओं के साथ हमारी टीम ने वहां छापा मारा और बिल्लियों को बचाया। जिसके बाद चंगुल से छुड़ाई गई बिल्लियों को पीएफए सेल्टर होम में रखा गया था। बिल्लियों को सेल्टर होम में छोड़ दिया गया है।

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