अंधविश्वास के नतीजे अक्सर बेहद घातक होते हैं। एक खबर उत्तर प्रदेश से आई है, जहां इसी अंधविश्वास ने एक महिला की जान ले ली। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक महिला को सांप ने डस लिया। सांप के डसने के बाद बजाए इसके की उसके परिजन उसे डॉक्टरों के पास ले जाएं, परिजनों ने एक सपेरे को महिला के इलाज के लिए बुला लिया। इस सपेरे ने इलाज के नाम पर महिला के साथ वो भयानक खेल खेला जिसमे आखिरकार इस महिला ने दम तोड़ दिया। जानकारी के मुताबिक राजधानी दिल्ली से करीब 70 किलोमीटर दूर ककोड़ थाना क्षेत्र के एक गांव बैर की रहने वाली देवीन्द्री नाम की एक महिला चूल्हे पर खाना बनाने के लिए लकड़ी इकठ्ठा करने गई थी, तभी लकड़ी के पीछे छिपे एक सांप ने उसे डस लिया।
सांप के डसने के बाद भी महिला ठीक हालत में थी। महिला ने तुरंत घर आकर अपने पति मुकेश को इस घटना की जानकारी दी। लेकिन हैरानी की बात है कि महिला के परिजन उसे अस्पताल या किसी चिकित्सक के पास नहीं लेकर गए। महिला के परिजनों ने एक सपेरे को वहां बुला लिया। इस दौरान गांव के लोग भी वहां जमा हो गए। इस सपेरे का दावा था कि उसने कई जहरीले सांपों के विष से लोगों को बचाया है। सपेरे ने दावा किया कि वो अपने इलाज से इस महिला को भी ठीक कर देगा।
थोड़ी ही देर बाद इस सपेरे ने इलाज के नाम पर अपना ढोंग शुरू किया। सपेरे ने महिला को गोबर से ढक देने का निर्देश दिया। अंधविश्वास में चूर महिला के परिजनों ने महिला को भैंस के गोबर में दबा दिया। काफी देर तक सपेरा इस दौरान वहां बैठा रहा और मंत्र फूंकने के नाम पर अपना प्रपंच भी करता रहा। आखिरकार थोड़ी देर बाद महिला के परिजनों ने सपेरे से महिला की स्थिति के बारे में पूछा तो सपेरे ने गोबर में दबी महिला को बाहर निकालने के लिए कहा। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। गोबर में दबी 35 साल की देवीन्द्री ने आखिरकार तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। जाहिर है इस घटना ने समाज में बढ़ते अंधविश्वास को उजागर करने का काम किया है। अगर देवीन्द्री को समय पर चिकित्सीय इलाज मिल जाता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।
